सोमवार, 9 अगस्त 2010

JAI JAI JAI KAPI SOOR



हनुमत कृपा- निज अनुभव
गतांक से आगे 


कृपा - कथा में सन-२००८ के भारत-प्रवास की बात चल रही थी. सज्जन-स्वजनों से मधुर आत्मिक मिलन हो रहा था .सर्वत्र केवल आनंद की ही अनुभूति हुई."उनकी" कृपा नहीं तो और क्या कहेंगे आप इसे.? हाँ लगभग ३ महीने बाद जब वापस जाने का समय निकट आया ,आवश्यक काम निपटाने की याद आयी
.
अमेरिका से सोच कर चले थे क़ी भारत पहुँच कर ,अपनी २००७ -०८ की "मेड -इन -बोस्टन" ,भक्ति रचनाओं की दिल्ली में रिकोर्डिंग करवा कर उन्हें "केसेट-सी डी" के "मास्टर्स" में रूपांतरित करवा लेंगे और अपने आश्रम को समर्पित कर देंगे. मिलने जुलने,आने जाने में अधिक समय बीत गया था . फिर जब  याद आगयी तो काम चालू भी हो गया. नयी रचनाओं की नोट बुक खोली गयी ,और उनमे से सबकी पसंद के कुछ भजन चुने गये. 
     
     सिमरूं निष् दिन हरि नाम यही वर दो मेरे राम 
     रहे जन्म ज न्म तेरा ध्यान यही वर दो मेरे राम.
     मनमोहन छवि नैन निहारे , जिव्हा मधुर नाम उच्चारे,
     कनकभवन होवे मन मेरा ,जिसमे  हो रघुबर का डेरा,,
     तन हो कोसलपुर धाम , यही वर दो मेरे राम \


ऐसे ही अनेक अंतरे थे , पर उनमे से अंतिम वाले पर, सुनते ही परिवार वालों ने ओब्जेक्शन कर दिया . वह इस प्रकार था .
     बाक़ी हैं जो थोड़े से दिन ,व्यर्थ न हो इनका इक भी छिन,
     पल पल करते तेरा सिमरन, निकलें मेरे प्रान,
     यही वर दो मेरे राम.
स्वजनों की बात माननी पड़ी "निकले मेरे प्रान"वाला अंतरा छोड़ना पड़ा.
इसके अतिरिक्त एक और रचना थी
   
    जाका मीत राम सुखदाता 
    उस जन को दुःख नहीं सताता .
    चाहे जितनी बिपदा आये 
    त्रिविध ताप भव रोग सतावे,
    राम सखा हरदम मुसकाता
    उस जन को दुःख नहीं सताता ,
    जाका मीत राम सुखदाता .


मैंने ऊपर इन दो भजनों के बोल इस लिए लिक्खे क़ी आप मेरी २००७-०८ की मनः स्थित समझ पायें.क्यों ऐसे शब्द लिखने की प्रेरणा होती थी,मैं नहीं जानता था.लेकिन मेरे परिवार वाले ,खासकर मेरी धर्मपत्नी मेरी ऎसी रचनाओं से दुख़ी हो जातीं थीं. उनको जीवन के अंत का दर्दनाक चित्रण बिलकुल पसंद नही आता है.


क्या इन निराशाजनक बोलों में मेरे भविष्य की कुछ सच्चायी निहित  थी?अथवा मेरा इष्ट मुझे आने वाले कल के किसी अनिष्ट की पूर्व सूचना दे रहा  था ?


मेरे अगले संदेश पढ़ते रहिये सब समझ में आ जायेगा 


निवेदक:व्ही. एन. श्रीवास्तव."भोला"
एंडोवर,(एम् ए) यू एस ए , दिनांक ९/१० अगस्त ,२०१०  
 .

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