गुरुवार, 27 जनवरी 2011

साधन -"भजन कीर्तन" # २ ७ ८


हनुमत कृपा - अनुभव 
साधक साधन साधिये                              साधन -"भजन कीर्तन"

आज का भजन 
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अब  तुम  बिन  को  मोरि राखे  लाज 
मेरे  राम गरीब निवाज !!

मैं असहाय अधम अज्ञानी ,पतितन को सरताज !
पतित उद्धारन बिरद आपनों सिद्ध करो महराज !!
मेरे  राम गरीब निवाज !!

जिन जिन ध्याये तिन तिन पाए,अजामील गज ब्याध !
हमरी बारी जाय छुपे तुम किन कुंजन में आज !!
मेरे  राम गरीब निवाज !!


दया क्षमा करुणा शुचिता दो मुझको मेरे राम !
सारे कर्म करू प्रभु जी मै लेकर तेरा नाम !!
मेरे  राम गरीब निवाज !!


मैं अपराधी हूं बड़ा अवगुण भरा विकार !
क्षमा करो अपराध सब अपना बिरद बिचार !! 
मेरे  राम गरीब निवाज !!

निवेदक 
व्ही .एन. श्रीवास्तव "भोला" 

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