रविवार, 13 मार्च 2011

अनुभवों का रोजनामचा # 3 1 6

अनुभवों का रोजनामचा

"कृपा करो श्री राम सब पर कृपा करो"


जापान के उत्तरी पूर्वी समुद्र तट में आयी भयंकर प्राकृतिक आपदा के विकराल रूप ने वहाँ के जन जीवन को पूर्णतः अस्त व्यस्त कर दिया है ! टी वी के समाचारों में वहां की तस्वीरें --सुनामी के प्रलयंकारी जल प्रवाह में पत्तों और तिनको के समान बहते जलपोत, जंगी और नागरिक वायुयान, मेट्रो रेल के डिब्बे ,यात्री बसें, अनगिनत कारें आदि वाहन ,तथा समुद्री ज्वालामुखी की प्रचंड लपटों में स्वाहा होते एटोमिक रिएक्टर्स, आकाश को  कालिमा  से भरता उन संयंत्रों से निकलता हुआ धुंआ अदि  भयावय दृश्य वहां पर चारों और व्याप्त दहशत  का  हृदय विदारक चित्र  प्रस्तुत करते हैं !जिन्हें देख  कर अहसास होता है कि प्रकृति के प्रकोप के आगे मानव की भौतिक प्रगति नगण्य है ! आप सबने भी यही महसूस किया  होगा !


प्रियजन महापुरुषों ने कहा है कि वास्तव में  धार्मिक व्यक्ति या श्रेष्ठपुरुष  वही है जो पर पीड़ा से पीड़ित हो, पर दुःख में दुखी हो!आज जहाँ  विभिन्न आधुनिक यंत्रों के प्रयोग और संसाधनों के सहारे समस्त विश्व जापान को संकट से उबारने का प्रयत्न कर रहा हैं वहीं वहां के नागरिकों के कुशल क्षेम के लिए स्थान -स्थान पर  प्रार्थनाएं भी की जा रहीं  हैं !


मैंने अपनी निजी प्रार्थना "हे प्रभु दया करो , सब पर दया करो" अपने सन्देश # ३१४ में  कर ली थी ! पर सामूहिक प्रार्थना की उपयोगिता के विचार से मेरी हार्दिक इच्छा थी कि मेरा पूरा परिवार मेरे साथ प्रार्थना करता जो उस समय संभव नहीं था ! पर मेरे प्रियजन, प्रभु मुझे कैसे निराश करते ? उन्होंने कृपा कर दी मुझ पर तत्काल ! उस दिन उसी घड़ी जब मैं वह सन्देश भेज रहा था मेरी बड़ी बेटी श्री देवी ने चेन्नई (भारत)  से एक  इ.मेल भेजा जिसमें संलग्न (अटेच्ड) था ऑडियो विडिओ क्लिप एक ऐसे पद का जो हमारे सद्गुरु श्री सत्यानंदजी  महाराज को अतिप्रिय प्रिय था ! आजतक उस भजन के बोल कीर्तन धुन के समान विश्व भर में गाये जा रहे है ! वह प्रार्थना समान भजन है :                                                                                                                    
                      
                              कृपा करो श्री राम सब पर कृपा करो"


विश्वास करो प्यारे पाठकों कि  इस कृपा याचना में केवल मेरा पूरा परिवार ही नहीं बल्कि मेरा समस्त गुरुकुल भी शामिल है ! कैसे ? पहले  सुनने के लिए नीचे के चित्र में स्टार्ट के एरो पर क्लिक करिये !





कृपा करो श्री राम ,
सब पर कृपा करो==========

मैं ना जानु किस विधि रीझो 
अपनी नज़र मेहर की कीजो

आनंदघन  घनश्याम  ,
सब पर कृपा करो========


आज  तलक  तो  कोई सवाली    
तेरे  दर से गया न खाली

भर दो घर में धन धान्य, 
सब पर कृपा करो=======


गहरी   नदिया  निशा  अंधेरी      
ये निर्दोष  शरण है  तेरी

लो गिरते को  तुम  थाम , 
सब पर कृपा करो======



जो बिटिया गा रही है , मेरे बड़े भैया की बेटी "प्रीती"है  ,जो माइक पकड़े है मेरी बेटी श्री का बेटा है "आदी !गीतकार हैं हमारे दिवंगत सद्गुरु स्वामी जी महराज के कृपा पात्र स्वर्गीय कवि निर्दोष जी ! रेकोर्ड कर के मेरे पास भेजने वाली है मेरी बेटी श्री देवी जिसने (जब वह यहीं अमेरिका में थी )मुझे इस ब्लॉगिंग का विस्तृत ज्ञान कराया था! और आज जो मैं इसे आपकी सेवा में भेज पा रहा हूँ वह मेरे बेटे राघव जी के सहयोग से संभव हुआ है ! देखा आपने,चौबीसों घंटे हर अभियान में साथ देने वाली अपनी धर्मपत्नी कृष्णा जी को भूल गया ! उनका सहयोग सराहनीय है !



अब ये भी बता दूँ कि हम सब के सब सद्गुरु स्वामी सत्यानन्द जी महाराज के परिवार के सदस्य हैं और श्री रामशरणंम से जुड़े हैं ! 





मान लिया न कि इस भोले इन्सान पर उनकी कितनी कृपा है ? केवल सोचा और उन्होंने कृपा कर दी ! कृपा का इससे उत्तम व्यक्तिगत उदहारण और कहाँ खोजियेगा !
======================================================
निवेदक: वही. एन. श्रीवास्तव "भोला"
सहयोग: श्रीमती डोक्टर कृष्णा जी 
======================================================

1 टिप्पणी:

सहज समाधि आश्रम ने कहा…

बहुत सुन्दर पोस्ट । आप कमाल लिखते हो ।