शनिवार, 16 अप्रैल 2011

Shloka: Atulita Bala Dhamam



अतुलित बल धामं हेम शैलाभ देहम्‌ 
दनुज वन कृषाणं ज्ञानिनां अग्रगणयम्‌ 
सकल गुण निधानं वानराणामधीशम्‌ 
रघुपति प्रियभक्तं वातजातं नमामि 

5 टिप्‍पणियां:

Shalini kaushik ने कहा…

आपको भी राम भक्त हनुमान जयंती की बहुत बहुत बधाई.मेरे ब्लॉग पर यदि आप नहीं आ पाते हैं तो कोई बात नहीं मुझे तो केवल आपका आशीर्वाद चाहिए और वह आपके मेल से मुझे निरंतर मिल रहा है.आप अपने प्रिय जनों के साथ सुख व् सानंद रहें बस यही मेरी आकांक्षा है.

संगीता स्वरुप ( गीत ) ने कहा…

आभार इस श्लोक के लिए ...

Patali-The-Village ने कहा…

बहुत सुन्दर श्लोक | धन्यवाद|

Unknown ने कहा…

Ye shlok ramayan me kis drishya par aur kiske dwara bola gaya tha please reply....

Unknown ने कहा…

Jai shri Ram