गुरुवार, 9 जून 2011

धन्यवाद पाठकगण # 3 8 0


पुत्र -पुत्री ,पौत्र-पौत्रियों सदृश्य,दिव्य आत्माओं के धनी
मेरे अतिशय प्रिय पाठकगण 

राजेश जी , गोरख शाव जी, दिव्या जी , शालिनी जी, शिखा जी ,संगीता जी , डी विलेज वाले ,तथा स्मार्ट इंडियन जी और सभी जिन्होंने मेरे इस ब्लॉग लेखन में समय समय पर मुझे प्रोत्साहित किया है ! प्रियजन ,मैं समझ नहीं पा रहां हूँ कि ----

मैं किस किसको धन्यवाद दूं ?
 किन किन का आभार जताऊँ ?
  
प्रिय पाठकगण तुम्ही कहो मैं भला उरिण कैसे हो पाऊँ 
  मुद्राएँ सारी "उसकी" है , किस मुद्रा में  मोल चुकाऊँ ?

मैं किस किसको धन्यवाद दूं ? किन किन का आभार जताऊँ ? 

जीवन भर, "वह" बिन मांगे ही, देता रहा, मुझे जो प्रिय था 
"उसके" आगे किस मुख से मैं भिक्षा की झोली फैलाऊँ ?

मैं किस किसको धन्यवाद दूं ? किन किन का आभार जताऊँ ?

पाठकगण मेरे हाथों से, जो कुछ भी, "उसने" लिखवाया 
वही लिखा, अक्षरशः मैंने, आज आपके, मन जो भाया !

"उनको"ही हम  धन्यवाद दें "उनका" ही आभार जताएं 
द्वार प्रभू का त्याग बताओ कहाँ और हम मानव जाएँ ?

"भोला"
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प्रियजन !

"श्री राम शरणम", लाजपत नगर , नयी दिल्ली के ब्रह्मलीन स्वामीसत्यानंदजी महाराज के आध्यात्मिक उत्तराधिकारी , हम दोनों के ही गुरुदेव (एक ऐसे संन्यासी जो अपने को स्वामी नहीं कहलाना चाहते ), हमारे श्रुद्धेय डो. विश्वामित्र जी महाजन आजकल U S A में हैं ! हम दोनों उनके दर्शन तथा "अर्श विद्या गुरूकुलम" में आयोजित साधना सत्संग में भाग लेने के लिए , कल यहाँ से ५०० मील दूर , सेलर्स्बर्ग (P A) जा रहे हैं ! सत्संग से सन्देश प्रेषित करना वर्जित है ! लेकिन आपको हमारा सन्देश किसी न किसी रूप में मिलता रहेगा !

आपके शुभ सन्देश हमे इसी प्रकार प्रोत्साहित करते रहें और मैं आजीवन "उनके" निदेशों का पालन करते हुए " प्रभु प्रेम भक्ति योग" के प्रसारण में इस जीवन के शेष दिवस बिता सकूँ , मेरी तो आज "उनके" श्री चरणों में एक यही प्रार्थना है !

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निवेदक:  व्ही.  एन.  श्रीवास्तव  "भोला"
एवं श्रीमती  डॉक्टर कृष्णा श्रीवास्तव  M.A,,Ph.D
78, Clinton Road , Brookline MA 02445 (off BOSTON) USA
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5 टिप्‍पणियां:

Shalini kaushik ने कहा…

bhola ji ,
aapki har post hamareliye jeevan ke path me margdarshan karne vali hai isliye aap is karya ke fer me n paden ki aap hame dhanyawad karen.ham to jeevan me apne mata -pita aur aap jaise sad-puruson ka aashirwad hi chahte hain taki ye jeevan prabhu ki ichha anusar sahi dhang se bita saken.

Shikha Kaushik ने कहा…

आप के स्नेहयुक्त सन्देश मन को आनंदित कर देते हैं .
सादर

Patali-The-Village ने कहा…

आप जैसे महापुरुषों का आशीर्वाद ही बहुत है| धन्यवाद|

G.N.SHAW ने कहा…

काका जी प्रणाम..मै आप के सुविचार से सदैव धन्य हो गया !पीड़ा और चीज में आस्था ही संपर्क और ज्ञान बढ़ाती है !

ZEAL ने कहा…

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डॉ भोला जी , डॉ कृष्णा जी ,
आप लोग जिस तरह से अपने लेखों द्वारा समाज की सेवा कर रहे हैं , वो अति सराहनीय है और हम लोगों के लिए अनुकरणीय है। आप का आशीर्वाद इसी प्रकार सदा हम पर बना रहे ।
अभिवादन स्वीकार करें।
सादर ,
दिव्या

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