सोमवार, 4 जुलाई 2011

भजन - मेरो मन राम ही राम रटे रे


3 टिप्‍पणियां:

शिखा कौशिक ने कहा…

बहुत सुन्दर व् सुमधुर .आभार

Shalini kaushik ने कहा…

ब्लॉग जगत में आपकी ये प्रस्तुति कृतार्थ करने वाली हैं.

Bhola-Krishna ने कहा…

स्नेह्मई शालिनी जी, प्रिय शिखा बेटी ,राम राम ,
मैं गद गद हो रहा हूँ ! शब्द दगा दे रहे हैं मुझे ! किसके किसके प्रति आभार व्यक्त करूं ! किसको किसको धन्यवाद दूँ ! कौन कहाँ से छुप छुप कर मेरे ऊपर इतनी कृपा कर रहा है ? मैंने तो केवल इच्छा जतायी थी की कभी आपको यह भजन सुनाऊंगा ! शायद मेरे बच्चों ने मुझे बिना बताये मिलजुल कर यह भजन ब्लॉग में डाल कर मेरी इच्छा पूरी की है ! प्रशंशा की अधिकारिणी चेन्नई वाली मेरी बेटी श्री देवी और अमेरिका वाले बेटे राघव जी हैं ! और मैं तो गूंगा हो रहा हूँ क्या कहूँ आपसे इसके सिवाय की श्री राम कृपा सबको सदा उपलब्ध हो ! प्रसन रहें !