शिव शंकर समर्थ,सर्वग्य,,सर्व कलाओं और सर्व गुणों के आगार हैं ,योग ,ज्ञान और ,वैराग्यकेभण्डार हैं ! वे कल्याणस्वरूप हैं,करुणानिधि हैं ,भक्तवत्सल हैं ,कल्पतरु की भांति शरणागत को वरदान देने वाले देव हैं !
हमारे ऋषि मुनियों ने साक्षात्कार के अनुभूत तथ्यों के आधार पर"ओंकार" के मूल विभु व्यापक तुरीय शिव के निराकार ब्रह्म स्वरूप को साकार स्वरूप दे कर उसे अलौकिक वेशभूषा से सुसज्जित किया है ! उनके शरीर को भस्म से विभूषित किया है , गले में सर्प और रुंड मुंड की माला डाली है , जटाजूट में पतित पावनी "गंगधारा" को विश्राम दिया है , भाल को दूज के चाँद से अलंकृत किया है , एक हाथ में डम डम डमरू तो दूसरे हाथ त्रिशूल दिया है 1
"भोला" के वयोंवृद्ध कंठ से प्रस्फुटित
शंकर वंदना
जय शिवशंकर त्रिपुरारी ,
जय शिवशंकर त्रिपुरारी !
जय जय भोले भंडारी ! जय आशुतोश कामारी !!
जय शिवशंकर त्रिपुरारी !
गौर वदन माथे पर चंदा ,
जटा संवारें सुरसरि गंगा !!
चिताभसम तन धारी ! जय शिवशंकर त्रिपुरारी !!
उमा सहित कैलाश बिराजे ,
गणपति कार्तिक नंदी साजे !
छवि सुंदर मन हारी ! जय शिवशंकर त्रिपुरारी !!
भक्त जनन पर कृपा करत हो,
दुख दारिद भव ताप हरत हो ,!
हमका काहे बिसारी ? जय शिवशंकर त्रिपुरारी !!
जय जय भोले भंडारी ! जय आशुतोश कामारी !!
सर्व- कष्ट -निवारक - "महामृत्युंजय मंत्र"
ओम त्रियम्बकम यजामहे सुगंधिम पुष्टि वर्धनम
उर्वारुकमिव बंधनान मृत्युर मुक्षीय माम्रतात !!
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जय जय भोले भंडारी ! जय आशुतोश कामारी !!
जय शिवशंकर त्रिपुरारी !
======================== सर्व- कष्ट -निवारक - "महामृत्युंजय मंत्र"
ओम त्रियम्बकम यजामहे सुगंधिम पुष्टि वर्धनम
उर्वारुकमिव बंधनान मृत्युर मुक्षीय माम्रतात !!
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( शब्द एवं स्वरकार-गायक "भोला")
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निवेदक ; व्ही एन श्रीवास्तव "भोला"
सहयोग ; श्रीमती डॉ. कृष्णा भोला श्रीवास्तव
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LINK
+https://youtu.be/ZavOzVsM1XM
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+https://youtu.be/ZavOzVsM1XM
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