औषधि राम नाम की खाइये!
मृत्यु-जन्म के रोग मिटाइये!
(अमृतवाणी)
मेरे वैद्य परमगुरु स्वामी, 2005 में पहले हार्ट अटैक के समय, हौस्पिटल में स्ट्रेचर ट्राली से इमरजैंसी थियेटर में प्रवेश करते समय ये शब्द स्वतः मन में स्फुरित हुए । कदाचित ऐडमिशन की लिखा पढी में किसी ने अभिभावक से रेफरिंग डौक्टर का नाम पूछा होगा और मेरे मन से यही उत्तर निकला ।