रविवार, 8 मई 2022

मातृ दिवस

 प्रातः.प्रेरणा हुई, मदर्स डे  पर कुछ लिखूँ। लिखने बैठा, जो लिख पाया  प्रस्तुत है:


मैया, तुझ पर क्या लिक्खूँ क्या गाऊँ ?


कलम उठा कर कुछ लिखता हूँ , तेरा लेख नजर आता है ।

जब गाता हूँ तेरा ही स्वर, मेरे कानो में आता है । 

मैं तेरे ही बोल तुझे माँ, क्यों कर आज सुनाऊँ?

क्या लिक्खूँ क्या गाऊँ?


जब प्रतिबिंब लखूँ निज का छवि तेरी पड़े दिखाई ।

मंन्दिर की हर दैवमूर्ति में  जोत मात तव आई ।

तेरा अंश तुझी को मैया कैसे कहो चढाऊँ ?

क्या लिक्खूँ क्या गाऊँ?

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