शनिवार, 1 जून 2024
गुरुवार, 30 मई 2024
tamasha dekhtaa hun mnain --Devotional Ghazal Singer -V N Shrivastav " B...
शनिवार, 25 मई 2024
शुक्रवार, 24 मई 2024
बुधवार, 22 मई 2024
सोमवार, 20 मई 2024
गुरुवार, 11 अप्रैल 2024
गुरुवार, 7 मार्च 2024
JAI SHIVSHANKAR AUGADH DANI Singer Lyricst BHOLA
जय शिव शंकर औघड़दानी , विश्वनाथ विश्वम्भर स्वामी
सकल बिस्व के सिरजन हारे , पालक रक्षक 'अघ संघारी'
जय शिव शंकर औघड़दानी , विश्वनाथ विश्वम्भर स्वामी
हिम आसन त्रिपुरारि बिराजें , बाम अंग गिरिजा महरानी
जय शिव शंकर औघड़दानी , विश्वनाथ विश्वम्भर स्वामी
औरन को निज धाम देत हो , हमसे करते आनाकानी
जय शिव शंकर औघड़दानी , विश्वनाथ विश्वम्भर स्वामी
सब दुखियन पर कृपा करत हो हमरी सुधि काहे बिसरानी
जय शिव शंकर औघड़दानी , विश्वनाथ विश्वम्भर स्वामी
मंगलवार, 27 फ़रवरी 2024
दे दो राम
अविरल भक्ति दे दो राम ! अतुलित शक्ति दे दो राम !
गुरुवार, 22 फ़रवरी 2024
शनिवार, 20 जनवरी 2024
रामलला के प्यारे भक्तो ,
अयोध्या नगरी में रामलला के भुवन में पधारने की कोटिश बधाई।
सर्व विदित है कि सौभाग्यवश गुरुजन के गुरुमंत्र से, उनकी करुणा और कृपा से, उनके आशीर्वाद से मुझे ऐसा लग रहा है कि मेरी हरेक सांस, मेरे हृदय की प्रत्येक धडकन, मेरा रोम रोम, मेरी शिराओं में प्रवाहित रक्त की एक एक बूंद, जो कुछ भी इस समय मेरे पास है वह सब ही "उनका" कृपा प्रसाद है । यदि उर्दू शायरों की जुबान में कहूँ तो शायद ऐसी तस्वीर बनेगी --
मुझको मुंदी नजर से ही सब कुछ दिखा दिया ।
तेरे खयाल ने मुझे तुझ से मिला दिया ।।
मुझको दिखा के चकित किया रंग सृष्टि का ।
आनंद भरा रूप प्रभु का दिखा दिया ।।
मन मंदिर में अपने "प्यारे प्रभु" का विग्रह प्रतिष्ठित कर, बंद नेत्रों से "प्यारे" की छवि निरंतर निहारते हुए, सुध बुध खोकर "उनका" गुणगान करना, गीत संगीत द्वारा "उनकी" अनंत कृपाओं के लिए अपनी हार्दिक कृतज्ञता व्यक्त करना, यह है मेरा भजन कीर्तन ।
रामलला घर आया रे ,मेरा रामलला घर आया रे ।
चहु दिसि आनंद छाया रे ,मेरा रोम रोम हर्षाया रे ।।
मेरा रामलला घर आया रे ।
पलक झार अंसुअन फुहार सों ,आँगन स्वच्छ बनाया रे ।
चहु दिसि आनंद छाया रे ,मेरा रोम रोम हर्षाया रे ।।
मेरा रामलला घर आया रे ।
शिवरंजनी बेला गुलाब सो,वन्दनवार सजाया रे ।
चहु दिसि आनंद छाया रे ,मेरा रोम रोम हर्षाया रे ।।
मेरा रामलला घर आया रे ।
मंगल अवसर आया रे ।।
मेरा रामलला घर आया रे ।
निवेदक - विश्वंभर नाथ श्रीवास्तव 'भोला'