मेरे अतिशय प्रिय सभी स्वजन
दीपावली के इस मंगलमय शुभ पर्व पर
हमारी हार्दिक शुभ कामनाएं
नमोस्तेsस्तु महामाये श्रीपीठे सुर पूजिते !
शंख चक्र गदा हस्ते महालक्ष्मी नमोस्तुते!!
नमस्ते गरुड़ारूढे कोलासुर भयंकरि !
सर्व पाप हरे देवि महा लक्ष्मी नमोस्तु ते !!
अष्ट लक्ष्मी
दक्षिण भारत में माँ के निम्नांकित आठ नाम
१. आदि लक्ष्मी २. धान्य लक्ष्मी ३ .धैर्य लक्ष्मी ४. गज लक्ष्मी
५. सन्तान लक्ष्मी ६. विजय लक्ष्मी ७. विद्या लक्ष्मी ८. धन लक्ष्मी
माँ के नामों के उच्चारण में ही माँ के भिन्न गुण निहित हैं ! नाम ही उनके मंत्र हैं !
माँ लक्ष्मी के ८ नामों में से "धन लक्ष्मी" को ही लीजिए :
माँ "धन लक्ष्मी" की आराधना से , स्वधर्म समझ कर कर्म करने वाला साधक , निश्चित ही धनोपार्जन करेगा !
माँ "धन लक्ष्मी" की आराधना से , स्वधर्म समझ कर कर्म करने वाला साधक , निश्चित ही धनोपार्जन करेगा !
मनमंदिर में ज्योति जगाकर , औरों के घर दीप जलाओ !!
जगमग दीप जगा कर चहुदिश ,निज पथ का तम दूर भगाओ !
निर्भय आगे बढ़ते जाओ , दीप जलाओ दीप जलाओ
गहन अँधेरे में जग डूबा , चहु दिसि उजियारा फैलाओ !
अपना घर चमका के प्रियजन , दुखी जनों के मन चमकाओ !!
उनके घर भी दीप जलाओ ,दीप जलाओ ,दीप जलाओ !!
किसकी झुग्गी अन्धियारी है , कौन कहाँ है भूखा प्यासा ?
देवालय से पहिले ,प्रियजन उस दरिद्र को भोग लगाओ !!
उस भूखे की भूख मिटाओ , दीप जलाओ ,दीप जलाओ !!
'अर्थ' नहीं है फिर क्या ? अपना अंतर घट तो प्रेम भरा है !
अक्षय है वह , प्यारे तुम बस , वही 'प्रेमरस' पियो पिलाओ !!
स्वयम छको औ उन्हें छ्काओ ,दीप जलाओ ,दीप जलाओ !!
तरस् रहें जो 'खील बताशे' को वे प्यारे प्यारे बच्चे !
बुझे हुए चेहरे ,जरजर तन वाले ये दुखियारे बच्चे !
फुटपाथों पर भटक रहे हैं जो अनाथ मनमारे बच्चे !
उनके मुखड़ों पर प्रियजन तुम प्यारे प्रभु का नूर खिलाओ !!
गुरुजन ने जो दिया "नामरस", स्वयम पियो औ उन्हें पिलाओ
प्रेम प्रीति की अलख जगाओ , दीप जलाओ , दीप जलाओ !!
दीपावली के इस मंगलमय शुभ पर्व पर
हमारी हार्दिक शुभ कामनाएं
विश्वम्भरनाथ “भोला”