सिया राम के अतिशय प्यारे,
अंजनिसुत मारुति दुलारे,
श्री हनुमान जी महाराज
के दासानुदास
श्री राम परिवार द्वारा
पिछले अर्ध शतक से अनवरत प्रस्तुत यह

हनुमान चालीसा

बार बार सुनिए, साथ में गाइए ,
हनुमत कृपा पाइए .

आत्म-कहानी की अनुक्रमणिका

आत्म कहानी - प्रकरण संकेत

बुधवार, 14 सितंबर 2011

नाम महिमा


त्रि ताप से मुक्ति का सहज साधन
"नाम जाप"

सद्गुरु स्वामी सत्यानन्द जी महाराज ने हम पर अतिशय कृपा कर के ,१९६० में ही , हमे राम नाम की महिमा बता कर ,एक मात्र नाम सिमरन द्वारा ही अपने आप को त्रि तापों से मुक्त करने का सहज मार्ग बताया था ! दीक्षा के उस शुभ दिन से आज तक महाराज जी से मिला 'नाम' का वह अभेद कवच सभी देहिक , दैविक ,भौतिक तापों में मेरी रक्षा करता रहा ! ऐसा नहीं है कि मेरे जीवन में कष्ट आये ही नहीं अथवा जटिल समस्याओं ने मुझे नहीं घेरा, भारत में साधारण नागरिकों को जो उलझनें सतत सताती हैं , उनसे बाहुबली नेताओं के आलावा कोई बच ही नहीं सकता ! सो उन सब समस्याओं ने मुझे भी घेरा लेकिन "नाम" का "ओवर आल" पहने मैं बेदाग़ ,बाइज्जत काजल की कोठरियों से निकलता गया ! मेरा बल भी बांका नहीं हुआ ! मेरी आत्म कथा में ऐसी अनेकों घटनाओं का विवरण है ! बहुत कुछ लिख चूका हूँ , और भी लिखता रहूँगा जैसे जैसे "स्वामी" लिखवायेंगे !

अभी तो सद्गुरु महाराज की "अमृतवाणी" से चुने हुए नाम महिमा के कुछ पद पेश कर रहा हूँ , एक बार मन लगाकर इसका पाठ करलें -- भाव समझ लें , जीवन में उतार लें , कल्याण सुनिश्चित है आपका !

(आवश्यक नहीं कि सब के गुरुजन ने
"राम नाम" से ही उन्हें दीक्षित किया हो , अस्तु सब जन अपने अपने
गुरु से प्राप्त मंत्र का ही ध्यान जाप व सिमरन करें )
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नाम महिमा

राम राम जप हे मना अमृत वाणी मान
राम नाम में राम को सदा विराजित जान

राम नाम मुद् मंगलकारी विघ्न हरे सब पातक हारी

राम नाम शुभ शकुन महान स्वस्ति शांत शिवकर कल्याण
राम नाम जो जन मन लावे , उस में शुभ सब ही बस जावे
जहां हो राम नाम धुन नाद , भगे वहाँ से विषम विशाद
राम राम जपिये कर भाव ,सुविधा सुविधि बने बनाव

राम नाम सिमरो सदा अतिशय मंगल मूल
विषम विक्ट संकट हरन ,कारक सब अनुकूल

जपना राम राम है सुकृत , राम नाम है नाशक दुष्कृत
सिमरे राम राम ही जो जन ,उसका होवे शुचितर तनमन
जिसमे राम नाम शुभ जागे , उसके पाप ताप सब भागे
जिसमें बस जाय राम सुनाम , होवे वह जन पूर्ण काम
राम सिमरन होय सहाई , राम सिमरन है सुखदाई
राम सिमरन सबसे ऊंचा ,राम शक्ति सुख ज्ञान समूचा

राम राम ही सिमर मन , राम राम श्री राम
राम राम श्री राम भज , राम राम हरि - नाम
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निवेदक : व्ही. एन. श्रीवास्तव "भोला"
सहयोग : श्रीमती कृष्णा भोला श्रीवास्तव
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