स्वजनों के नाम,
"भोला कृष्णा " का,
भारत से प्रेषित , पहला सन्देश
"भोला कृष्णा " का,
भारत से प्रेषित , पहला सन्देश
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प्रियवर ,
जनवरी ११ के बाद आज "लेपटॉप" पर बैठा हूँ ! १४ जनवरी को आँख में तीसरी सुई लगी ! २३ को भारत के लिए प्रस्थान किया , २५ को पहुंचा !
बोस्टन जैसी ठंड तो न थी , लेकिन पालम एयर पोर्ट और उसके आसपास का समग्र वायुमंडल धूल धुंआ और धुंध से लदा हुआ था ! ४० - ५० गज से अधिक दूर की सड़क की 'नियोंन लाइट्स" भी ढिबरियों की लौ के समान टिमटिमा रहीं थीं ! हवा इतनी भारी कि सांस लेने में भी अत्यंत कठिनाई हो रही थी !
ऐसे में इस बार , ५ वर्ष के अंतराल के बाद भारत आने पर भी वही हुआ जो हर बार होता है ! आशंका के अनुरूप दिल्ली पहुँचते ही खांसी और ज्वर ने जकड लिया !
फिर भी ,परिवार का बुज़ुर्ग होने के नाते,जिस पारिवारिक उत्सव में शामिल होने के लिए भारत आया था , वहाँ पहुचना आवाश्य्क था , अस्तु ३, ४, ५ फरवरी को लखनऊ और ६ से १० फरवरी तक कानपुर में रहा और अब् वापस छोटे पुत्र माधव जी के पास नोएडा में रह रहा हूँ ! पूर्व निश्चित कार्यक्रम के अनुसार , प्यारे प्रभु की कृपा से , इस बार के भारतीय प्रवास के अंतिम दिवस तक यहीं रहूँगा !
वैसे हमसब जानते ही हैं कि "फाइनली"
होगा तो वही जैसी हरि इच्छा होगी !
प्रियजन , फिलहाल , इतना ही !
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५ वर्ष बाद भारत पहुंचे हम दोनों के कुछ चित्र देखिये
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२. एक अन्य चित्र , "पापा अम्मा , बाबा दादी , नाना नानी के भारत आगमन पर खुशियाँ मनाते "भोला कृष्णा" और उनके प्यारे बच्चे" !
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अब् तो विश्वास हुआ आपको कि ५ वर्षों के लम्बे अंतराल के बाद , आपके स्नेही ,शुभाकांक्षी ,बुज़ुर्ग भोला बाबू सपत्नीक भारत पहुँच ही गये !
प्यारे प्रभु श्री राम की अहेतुकी कृपा सब पर सदा सर्वदा बनी रहे !
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निवेदक :- व्ही. एन. श्रीवास्तव "भोला"
सहयोग :- श्रीमती कृष्णा भोला श्रीवास्तव
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