यही वर दो मेरे राम -- रहे जनम जनम तेरा ध्यान
( पिछले अंक से आगे )
निवेदक :
व्ही एन श्रीवास्तव "भोला",
सहयोग :
श्रीमती डॉक्टर कृष्णा श्रीवास्तव एम् ए. पी एच डी
एवं
श्रीमती श्रीदेवी कुमार एम् बी ए - चेन्नई
मैंने पिछले अंक में वादा किया था कि अपनी उपरोक्त रचना को गाकर आपके समक्ष पेश करंगा ! सों उस भजन का youtube स्वरूप एवं उसका लिंक नीचे प्रस्तुत कर रहां हूँ ! प्लीज़ सुनियेगा अवश्य !
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वीडियो देख सुन कर आप जानेगे कि आपका यह मित्र अपनी 'फेमिली' के साथ ,सन १९८९ में भरत सरकार की सेवा से रिटायर् होने के बाद से आज तक कैसे जिया, जी रहा है और जब तक "वो" जिलायेंगे तन तक कैसे जियेगा !:
प्रियजन जरा हंस लीजिए - उपरोक्त कथन में मेरी "फेमिली" बलियाटिक भोजपुरियों द्वारा उच्चारित फेमिली के शब्दार्थ वाली 'फेमिली'है ऑक्सफोर्ड डिक्सनरी वाली फेमिली नहीं है ! उदाहरण स्वरूप पत्नी कृष्णा जी मेरी एकमात्र फेमिली हैं वैसे ही जैसे लालूजी की फेमिली हैं श्रीमती राबडी देवी जी ! हम, सब भोजपुरी ही तो हैं !
चलिए आत्म कथा में आगे बढ़ें
हम दोनों पतिपत्नी अधिकाँश समय टेलीविजन पर संत महात्माओं के प्रवचन सुनते हैं ! श्रीराम शरणम का वेबसाईट तो दिन भर चालू ही रहता है उसके साथ साथ हम जगद्गुरु कृपालुजी महराज , राधास्वामी सत्संग दयालबाग / व्यास के प्रबुद्ध गुरुजन के तथा माउंट आबू से "ब्रह्म कुमाँरीज़ के "अवेकनिंग" के प्रवचन लगभग नित्य ही सुनते हैं !
नजर कमजोर होने के कारण मुझे एक और एडवांटेज है - कभी कभी ,दुराग्रह नहीं सस्नेह आग्रह करके मैं अपनी धर्मपत्नी श्रीमती कृष्णा जी से आध्यात्मिक प्रवचन भी सुनता हूँ ! रामायण ,गीता ,भागवत आदि सद्ग्रन्थों से पढ़ पढ़ कर वह हमे हमारा "वास्तविक धर्म" समझाती हैं ! मुझे यह अच्छा लगता है ! ये है हम दोनों पर एक विशेष भगवद कृपा !
प्रियजन आप यदि मेरी उम्र के हैं तो अवश्य जानते होंगे कि इस उम्र में रात की नींद कितनी दुर्लभ होती है ! इए विषय में एक 'कन्फेशन'' करूं , इस सत्संग में ,श्रीमती जी के प्रवचन सुनते सुनते मुझे अक्सर बहुत मीठी नींद आजाती है! सत्संग का सुखद प्रसाद मुझे तत्काल मिल जाता है !आप भी यह नुस्खा आजमायें ,फायदा होगा !
तो लीजिए बूढे तोते की राम राम सुन ही लीजिए
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