मैं हूँ क्या ?
(गतांक से आगे)
(गतांक से आगे)
मैं बानर, "श्रीराम" मदारी ! कठपुतला 'मैं',"ईश" खिलारी !!
जैसे 'वह'राखे , रह जावें ,पहिरें जो भी 'वह'पहिरावे
बैठें जहवाँ 'ऊ' बैठावे , जीमें जो जो 'राम' जिमावे
लिखें वही जो "वह" लिखवावे गावें जो "वह" सुनना चाहे
मोल लिया यह दास "राम" का अन्य हाथ कैसे बिक पावे
प्रियवर , सच पूछो तो,
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मधुबन में बंसरी बजाकर नचा रहा सबको बनवारी
मैं बानर, "श्रीराम" मदारी ! कठपुतला मैं ,"ईश"खिलारी !!
[ भोला ]
[ भोला ]
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प्रियजन , जीवन के विगत ८२ वर्षों में भी मैं यह समझ न पाया कि वास्तव में मैं हूँ क्या ? कठपुतला हूँ या बानर हूँ ? एक तुकबन्दक कवि हूँ या सुनी सुनाई सुनाने वाला, अनाड़ी कोई कथा-वाचक ! आपजी के जी में जो आये ,आप दे दीजिए वही उपाधि मुझे ! बुरा नहीं मानूंगा ! मैं जो हूँ , जैसा हूँ वैसा ही रहूँगा !
कहते हैं कि वास्तविक भक्तों का स्वरूप अक्सर उनके इष्ट देव सा हो जाता है ! एक संत से सुना कि ,"भगवान राम" के भक्तों का रूप और चिंतन "रामजी" जैसा , कृष्णजी के भक्तों का '"श्री कृष्णजी" जैसा और हनुमानजी के भक्तों का स्वरूप भी बहुधा "पवनसुत हनुमान" जी के जैसा हो जाता है !
बचपन में और विद्याध्ययन के शुरूआती वर्षों तक ,पारिवारिक संस्कारों के प्रभाव में सबके साथ नगर के हर हिंदू मदिर में जाना , उसमे स्थापित देवता की मूर्ति के सन्मुख प्रणाम करना ,आरती में सब के साथ तालियाँ बजाना ,आरती कर शब्द याद न हो तों भी होठ हिलाकर यह जतलाना कि आरती गा रहा हूँ वाला नाटक बखूबी करता रहता था ! लेकिन उन मदिरों के गर्भ ग्रह में अधिष्ठित श्रीराम ,श्रीकृष्ण भगवन की सुंदर प्रतिमाओं के प्रति मेरे मन में कोई वास्तविक श्रद्धा-भक्ति नहीं थी ! मैं "वास्तविक भक्त" न था , जो था वह केवल दिखावटी था ! अस्तु इस प्रकार मेरा स्वरूप और चिंतन - न राम जैसा न श्याम जैसा और न किसी अन्य देवता के समान बन पाया !
तों फिर मैं बना क्या ?
[ अगले अंक में ]
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निवेदक : व्ही. एन. श्रीवास्तव " भोला"
सहयोग : श्रीमती. कृष्णा भोला श्रीवास्तव
3 टिप्पणियां:
sahi kaha aapne main vanar shree ram madari.bahut khoob..aabhar..mere jile ke neta ko C.M.bana do and 498-a
काकाजी और काकी जी को प्रणाम ! बहुत सुन्दर राम जी ही तो सब कुछ करवाते है !
प्रिय गोरख जी, यह विश्वास दृढ रखें कि 'यदि हम अपनी पूरी योग्यता लगाकर लगन और उत्साह से कर्म करेंगे तो , हमारे इष्टदेव हमारा कोई भी काम बिगड़ने ही नहीं देंगे'
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