प्रिय स्वजन पाठकों
एक प्रार्थना
भारतीय उपमहाद्वीप से हजारों मील दूर यहाँ अमेरिका में नेपाल की त्रासदी के हृदय विदारक समाचार सुन कर मन भर आया !
याद आया ओक्तोबर १९९३ का वह दिन जब इजिप्ट में ऐसा ही भयानक भूकम्प आया था ! हम इजिप्ट की एलेक्जेंद्रिया की एक बहुमंजिली इमारत के सबसे ऊपर वाले भाग में थे ! झूले के समान झूल रही थी वह बहुमंजिली इमारत ! हमारे पैर लडखडा रहे थे ! सीलिंग पंखे दायें बाएं पेंडुलम से डॉल रहे थे ! आसपास के छोटे छोटे मकान ताश के पत्तों के समान बिखर रहे थे ! अगले दिन विनाश का पूरा चित्र सामने आया ! दूर दूर तक भयंकर तबाही हुई थी !
परम कृपालु प्यारे प्रभु ने अपने उत्संग में लेकर हमारी जीवन रक्षा की ! और तभी वर्ष भर पहले आये गुजरात के भूकंप की याद ताज़ा हुई ! अहमदाबाद में हमारा एक बंगाली बालक और उसका पूरा परिवार , जिसने हमे अत्याधिक आदर दिया था उस भूकम्प में वहाँ की एक नयी बहु मंजिली इमारत में दफन हो गया ! एक दो मास पूर्व ही उन्होंने नये घर में गृहप्रवेश किया था - हम उस उत्सव में थे , कुछ समय पहले ही विवाह के ८ वर्ष बाद उन्हें एक संतान प्राप्त हुई थी ! ,
मेरा मन रो पड़ा ! मन की पीड़ा शब्दों से स्वर में उतरी एक प्रार्थना के रूप में ! कृष्णा जी ने १९९३ में इजिप्ट में घर पर उपलब्ध सुविधाओं से उसे उस समय ही एक साधारण से टेप रेकोर्डर से रेकोर्ड कर लिया और पुराने केसेटों से खोज कर कृष्णा जी ने वह प्रार्थना मुझे दी , आपकी सेवा में नीचे प्रस्तुत है ! कृपया आपभी मेरे साथ इस प्रार्थना में शामिल हों !
एक प्रार्थना
भारतीय उपमहाद्वीप से हजारों मील दूर यहाँ अमेरिका में नेपाल की त्रासदी के हृदय विदारक समाचार सुन कर मन भर आया !
याद आया ओक्तोबर १९९३ का वह दिन जब इजिप्ट में ऐसा ही भयानक भूकम्प आया था ! हम इजिप्ट की एलेक्जेंद्रिया की एक बहुमंजिली इमारत के सबसे ऊपर वाले भाग में थे ! झूले के समान झूल रही थी वह बहुमंजिली इमारत ! हमारे पैर लडखडा रहे थे ! सीलिंग पंखे दायें बाएं पेंडुलम से डॉल रहे थे ! आसपास के छोटे छोटे मकान ताश के पत्तों के समान बिखर रहे थे ! अगले दिन विनाश का पूरा चित्र सामने आया ! दूर दूर तक भयंकर तबाही हुई थी !
परम कृपालु प्यारे प्रभु ने अपने उत्संग में लेकर हमारी जीवन रक्षा की ! और तभी वर्ष भर पहले आये गुजरात के भूकंप की याद ताज़ा हुई ! अहमदाबाद में हमारा एक बंगाली बालक और उसका पूरा परिवार , जिसने हमे अत्याधिक आदर दिया था उस भूकम्प में वहाँ की एक नयी बहु मंजिली इमारत में दफन हो गया ! एक दो मास पूर्व ही उन्होंने नये घर में गृहप्रवेश किया था - हम उस उत्सव में थे , कुछ समय पहले ही विवाह के ८ वर्ष बाद उन्हें एक संतान प्राप्त हुई थी ! ,
मेरा मन रो पड़ा ! मन की पीड़ा शब्दों से स्वर में उतरी एक प्रार्थना के रूप में ! कृष्णा जी ने १९९३ में इजिप्ट में घर पर उपलब्ध सुविधाओं से उसे उस समय ही एक साधारण से टेप रेकोर्डर से रेकोर्ड कर लिया और पुराने केसेटों से खोज कर कृष्णा जी ने वह प्रार्थना मुझे दी , आपकी सेवा में नीचे प्रस्तुत है ! कृपया आपभी मेरे साथ इस प्रार्थना में शामिल हों !
!! दया करो , दया करो !!
!! हें प्रभु दया करो !! सब पर दया करो !!
हें प्रभु दया करो !!
!! मेरे राम , दया करो !!
दीन दुखी हैं सब संसारी , एक पर एक विपद सहें भारी !
विपदा आन हरो ! हें प्रभु दया करो ! सब पर दया करो !!
!! मेरे राम , दया करो !!
अपनी बात कहूँ क्या तुमसे सब पतितों में हूँ मैं नीचे !
फिर भी तुम हो आँखे मीचे ! बेडा पार करो !
!! हें प्रभु दया करो ! सब पर दया करो !!
!! हें प्रभु दया करो !!
!! मेरे राम , दया करो !!
प्रार्थी विनीत "भोला"
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