गुरुवार, 6 जुलाई 2023

 ओम् नमः शिवाय 



वर्षों पूर्व (कदाचित १९५९ में ) 
इस दासानुदास ने , सुप्रासिद्ध पौराणिक सूत्र 

"राम रामेति रामेति रमे रामे मनोरमे 
सहस्त्र नाम ततुल्यम राम नाम वरानने" 

से प्रेरित होकर निम्नांकित रचना की और गाया :

"राम नाम मधुबन का भ्रमर बना मन शिव का 
निशदिन सुमिरन करता 'नाम' पुण्यकारी" 

कौन सा नाम और कौन है वह नामोपासक ?
नाम है  
"राम राम राम राम"
और
नामोपासक है 

"शंकर शिव शम्भु", साधु संतन सुखकारी
सतत जपत  राम नाम अतिशय शुभ कारी !!

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विश्वम्भर नाथ श्रीवास्तव "भोला"
  द्वारा 
१९६०-६१ में रचित 
"शंकर वन्दना" 
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यू ट्यूब पर सुनने के लिए लिंक : http://youtu.be/KzoJ7isIxfs

लीजिए आप यहीं सुन लीजिए 

शंकर शिव शम्भु साधु संतन सुखकारी
सतत जपत राम नाम अतिशय शुभ कारी !!

लोचन त्रय अति विशाल, सोहे नव् चन्द्र भाल !
रुंड मुंड ब्याल माल, जटा-गंग-धारी !!
 शंकर शिव शम्भु साधु संतन सुखकारी !!





शंकर शिव शम्भु साधु संतन सुखकारी !!

पार्वती पति सुजान, प्रमथराज, बृषभ यान !
सुर नर मुनि सेव्यमान, त्रिविधि ताप हारी !!
शंकर शिव शम्भु साधु संतन सुखकारी !!

औघड दानी महान, काल कूट कियो पान !
आरत-हर, तुम समान को है त्रिपुरारी !?!
शंकर शिव शम्भु साधु संतन सुखकारी !!
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(शब्दशिल्पी एवं गायक  "भोला")
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