ओम् नमः शिवाय
वर्षों पूर्व (कदाचित १९५९ में )
इस दासानुदास ने , सुप्रासिद्ध पौराणिक सूत्र
"राम रामेति रामेति रमे रामे मनोरमे
सहस्त्र नाम ततुल्यम राम नाम वरानने"
से प्रेरित होकर निम्नांकित रचना की और गाया :
"राम नाम मधुबन का भ्रमर बना मन शिव का
निशदिन सुमिरन करता 'नाम' पुण्यकारी"
कौन सा नाम और कौन है वह नामोपासक ?
नाम है
नाम है
"राम राम राम राम"
और
नामोपासक है
और
नामोपासक है
"शंकर शिव शम्भु", साधु संतन सुखकारी
सतत जपत राम नाम अतिशय शुभ कारी !!
============
विश्वम्भर नाथ श्रीवास्तव "भोला"
द्वारा
१९६०-६१ में रचित
"शंकर वन्दना"
========
यू ट्यूब पर सुनने के लिए लिंक : http://youtu.be/KzoJ7isIxfs
लीजिए आप यहीं सुन लीजिए
विश्वम्भर नाथ श्रीवास्तव "भोला"
द्वारा
१९६०-६१ में रचित
"शंकर वन्दना"
========
यू ट्यूब पर सुनने के लिए लिंक : http://youtu.be/KzoJ7isIxfs
लीजिए आप यहीं सुन लीजिए
शंकर शिव शम्भु साधु संतन सुखकारी
सतत जपत राम नाम अतिशय शुभ कारी !!
लोचन त्रय अति विशाल, सोहे नव् चन्द्र भाल !
रुंड मुंड ब्याल माल, जटा-गंग-धारी !!
शंकर शिव शम्भु साधु संतन सुखकारी !!
शंकर शिव शम्भु साधु संतन सुखकारी !!
सुर नर मुनि सेव्यमान, त्रिविधि ताप हारी !!
शंकर शिव शम्भु साधु संतन सुखकारी !!
औघड दानी महान, काल कूट कियो पान !
आरत-हर, तुम समान को है त्रिपुरारी !?!
शंकर शिव शम्भु साधु संतन सुखकारी !!
=================
(शब्दशिल्पी एवं गायक "भोला")
==============
-
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें