जब हमारे जीवन में कोई ऐसी घटना घटती है जहाँ हमारा सामर्थ्य, हमारा बल, हमारा विवेक, हमारा विचार सभी निष्फल हो जाता है तब उस समय कोई अनजान अदृश्य शक्ति हमें उस आपत्ति से निकाल कर हमारी रक्षा करती है । प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष स्वरुप में प्रकट हो कर श्री बांके बिहारीजी एक से एक भीषण आपत्तियों से विश्व की रक्षा करें ,इसी भावना के साथ इस भजन को प्रस्तुत किया है
निवेदक - वही, एन श्रीवास्तव 'भोला''
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