सिया राम के अतिशय प्यारे,
अंजनिसुत मारुति दुलारे,
श्री हनुमान जी महाराज
के दासानुदास
श्री राम परिवार द्वारा
पिछले अर्ध शतक से अनवरत प्रस्तुत यह

हनुमान चालीसा

बार बार सुनिए, साथ में गाइए ,
हनुमत कृपा पाइए .

आत्म-कहानी की अनुक्रमणिका

आत्म कहानी - प्रकरण संकेत

शनिवार, 20 अगस्त 2011

कृष्णं वंदे जगद्गुरुम

प्रियजनों
श्री कृष्ण जन्म की हार्दिक बधाई
आइये पहले हम सब मिल कर बधाई गावें
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बधैया बाजे आंगने में
जसुदानंदन कृष्ण कन्हैया , झूलें कंचन पालने में
बधैया बाजे आंगने में
नन्द लुटावें हीरे मोती , लूट मची घर आंगने में
न्योछावर श्री कृष्ण लला की, नहि कोऊ लाजे मांगने में
बधैया बाजे आंगने में
ठुमुक ठुमुक गोपी जन नाचें ,नूपुर बाँधे पायने में
चन्द्रमुखी मृगनयनी बिरज की तोडत ताने रागने में
बधैया बाजे आंगने में

कृष्ण जनम को कौतिक देखत ,बीती रजनी जागने में
बधैया बाजे आंगने में
जसुदानंदन कृष्ण कन्हैया , झूलें कंचन पालने में,
बधैया बाजे आंगने में

(अवध की पारंपरिक राम जनम की बधाई पर आधारित ,"भोला" की रचना)
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एक सूचना : अपने इनडो गाय्नीज़ सहयोगियों के साथ लगभग ३५ वर्ष पूर्व गाई कृष्ण प्रेम से ओत प्रोत मीरा की एक रचना कल सुनाउंगा ! उसके बाद श्री राम आज्ञा से मुकेश जी के अपने सस्मरण प्रेषित करूँगा !
निवेदक : वी . एन. श्रीवास्तव "भोला"
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