मार्च १५ , २०१३
परम श्रद्धेय
परम श्रद्धेय
गुरुदेव डॉक्टर विश्वामित्र महाजन जी की जयंती
के शुभ दिन सब साधकों को
हार्दिक बधाई
आज के दिन मेरी यह प्रार्थना है
हे गुरुदेव
आज के दिन मेरी यह प्रार्थना है
हे गुरुदेव
मेरा यह गर्व भरा मस्तक गुरुदेव ,चरण तक झुकने दो
हे नाथ मिटादो अहम और मन में मत दुर्गुण बसने दो
मुझको चरणों तक झुकने दो
कोटिश नमन
हे गुरुदेव
हे नाथ मिटादो अहम और मन में मत दुर्गुण बसने दो
मुझको चरणों तक झुकने दो
कोटिश नमन
हे गुरुदेव
हम नतमस्तक रहें निरंतर गुरु चरणों पर
सर्व शक्तिमय 'राम',हमे दो केवल यह वर
[ प्रार्थी दासानुदास "भोला" व्ही .एन. श्रीवास्तव ]
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आज पुनः गा रहा हूँ ,
गुरु चरनन में ध्यान लगाऊँ ऐसी सुमति हमे दो दाता
महाराज जी को यह भजन बहुत प्रिय था
मुझसे मेरा यह भजन सुनकर उन्होंने स्वामी जी महाराज के
वरदश्री चरणों का चित्र मुझे दिया था
सुने अवश्य
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गुरु चरनन में ध्यान लगाऊँ ऐसी सुमति हमे दो दाता
मैं अधमाधम पतित पुरातन किस विधि भव सागर तर पाऊँ
ऐसी दृष्टि हमे दो दाता, खेवनहार गुरु को मैं पाऊँ
गुरु चरनन में ध्यान लगाऊँ
गुरुपद नख की दिव्य ज्योति से निज अंतर का तिमिर मिटाऊँ
गुरु पद पदम पराग धूल से आपना मन निरमल कर पाऊँ
गुरु चरनन में ध्यान लगाऊँ
शंखनाद सुन जीवन रण का धर्मयुद्ध में मैं लग जाऊँ
गुरुपद रज अंजन आँखिन भर ,विश्वरूप हरि को लख पाऊँ
गुरु चरनन में ध्यान लगाऊँ
भटके नहीं कहीं मन मेरा, आँख मूंद जब उनको ध्याऊँ
पीत गुलाबी शिशु से कोमल ,गुरु के चरन कमल लख पाऊँ
गुरु चरनन में ध्यान लगाऊँ
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[ शब्दकार स्वरकार गायक : व्ही.एन. श्रीवास्तव "भोला"]
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निवेदक: व्ही . एन. श्रीवास्तव "भोला"
सहयोग: श्रीमती कृष्णा भोला श्रीवास्तव
ब्रूक्लाइन - [एम्.ए ] यू.एस.ए
मार्च १५,२०१३
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