सोमवार, 20 अक्टूबर 2025

मेरे अतिशय प्रिय सभी स्वजन जय श्रीराम ------------ दीपावली के इस मंगलमय शुभ पर्व पर हमारी हार्दिक शुभ कामनाएं स्वीकारें दक्षिण भारत में माँ के निम्नांकित आठ नाम अधिक प्रचिलित हैं : १. आदि लक्ष्मी २. धान्य लक्ष्मी ३ .धैर्य लक्ष्मी ४. गज लक्ष्मी ५. सन्तान लक्ष्मी ६. विजय लक्ष्मी ७. विद्या लक्ष्मी ८. धन लक्ष्मी माँ के नामों के उच्चारण में ही माँ के भिन्न गुण निहित हैं ! नाम ही उनके मंत्र हैं ! नाम के शब्दार्थ जानने वाले साधक माँ के नामों के ध्यान मात्र से उन गुणों के अधिकारी बन जायेंगे जिनकी उनकी वह नामधारी माँ अधिष्टात्री है ! माँ लक्ष्मी के ८ नामों में से "धन लक्ष्मी" को ही लीजिए : माँ "धन लक्ष्मी" की आराधना से , स्वधर्म समझ कर कर्म करने वाला साधक , निश्चित ही धनोपार्जन करेगा ! इसी प्रकार माँ के अन्य सभी नामों की उपासना करने वाले भी अपने अपने मन वांछित फल पा लेंगे ! प्रियजन , मेरी माने तो इस दीपावली ===, मनमंदिर में ज्योति जगाकर , औरों के घर दीप जलाओ !! जगमग दीप जगा कर चहुदिश ,निज पथ का तम दूर भगाओ ! निर्भय आगे बढ़ते जाओ , दीप जलाओ दीप जलाओ गहन अँधेरे में जग डूबा , चहु दिसि उजियारा फैलाओ ! अपना घर चमका के प्रियजन , दुखी जनों के मन चमकाओ !! उनके घर भी दीप जलाओ , दीप जलाओ ,दीप जलाओ !! किसकी झुग्गी अन्धियारी है , कौन कहाँ है भूखा प्यासा ? देवालय से पहिले ,प्रियजन उस दरिद्र को भोग लगाओ !! उस भूखे की भूख मिटाओ , दीप जलाओ ,दीप जलाओ !! 'अर्थ' नहीं है फिर क्या ? अपना अंतर घट तो प्रेम भरा है ! अक्षय है वह , प्यारे तुम बस , वही 'प्रेमरस' पियो पिलाओ !! स्वयम छको औ उन्हें छ्काओ , दीप जलाओ ,दीप जलाओ !! तरस् रहें जो 'खील बताशे' को वे प्यारे प्यारे बच्चे ! बुझे हुए चेहरे ,जरजर तन वाले ये दुखियारे बच्चे ! फुटपाथों पर भटक रहे हैं जो अनाथ मनमारे बच्चे ! उनके मुखड़ों पर प्रियजन तुम प्यारे प्रभु का नूर खिलाओ !! गुरुजन ने जो दिया "नामरस", स्वयम पियो औ उन्हें पिलाओ प्रेम प्रीति की अलख जगाओ , दीप जलाओ , दीप जलाओ !! क्रमशः ===================== निवेदक : व्ही. एन. श्रीवास्तव "भोला" सहयोग: श्रीमती. कृष्णा भोला श्रीवास्तव

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