मंगलवार - हनुमान जी का दिव्य दर्शन
मेरे अतिशय प्रिय स्वजन !
भारत में किसी राम कथा में साधारण बानर के वेश में श्री हनुमान जी पधारे उन्होंने श्रद्धा सहित व्यास आसन पर कथा वाचक को टीका लगा कर सम्मानित किया तथा अपने इष्ट श्री सीता राम जी का अभिनन्दन किया ! एक मुस्लिम फोटो जर्नलिस्ट ने उस राम भक्त बानर के चित्र उतारे जो वहां अख़बारों में छपे !
ई मेल से U S A के एक परम राम भक्त श्री प्रभु राठी जी ने मेरे पास उस कौतुक के चित्र भेजे जो मुझे इतने भक्ति भरे लगे कि तुरंत ही आपसे 'शेअर' करने का मन बन गया !
श्री राम भक्त हनुमान की जय
जय जय बजरंगी महावीर
जय जय बजरंगी महावीर
चलिए आप भी हमारे साथ मिलकर आज श्री हनुमतलाल के गुण गा लीजिये ! इस गायन में राघव जी के घर पर मेरे साथ रवि जी (हारमोनियम पर), राघव जी (तबले पर) तथा डाक्टर श्रीमती लक्ष्मी रमेश , डाक्टर श्रीमती शारदा कौल आदि गाने में मेरा साथ दे रहे हैं
जय जय बजरंगी महावीर
तुम बिन को जन की हरे पीर
अतुलित बलशाली तव काया
गति पिता पवन का अपनाया
शंकर से दैवी गुण पाया
शिव पवन पूत हे धीर वीर
जय जय बजरंगी महावीर , तुम बिन को जन की हरे पीर
दुःख भंजन सब दुःख हरते हो
आरत की सेवा करते हो
पल भर विलम्ब ना करते हो
जब भी भक्तों पर पड़े भीर
जय जय बजरंगी महावीर , तुम बिन को जन की हरे पीर
जब जामवंत ने ज्ञान दिया
झट सिय खोजन स्वीकार किया
शत जोजन सागर पर किया
निज प्रभु को जब देखा अधीर
जय जय बजरंगी महावीर , तुम बिन को जन की हरे पीर
शठ रावण त्रासदिया सिय को
भयभीत भई मैया जिय सो
माँगत कर जोर अगन तरु सों
दें मुन्देरी वा को दियो धीर
जय जय बजरंगी महावीर , तुम बिन को जन की हरे पीर
जब लगा लखन को शक्ति बाण
चिंतित हो विलखे बन्धु राम
कपि तुम सांचे सेवक समान
लाये बूटी संग द्रोण गीर
जय जय बजरंगी महावीर , तुम बिन को जन की हरे पीर
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"ये अपनी कहानी तो चलती रहेगी
कि जब तक मिरी जिंदगानी रहेगी"
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निवेदक : वही. एन. श्रीवास्तव "भोला"
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