सोमवार, 24 अगस्त 2015

राम सकल नाम्न ते अधिका !! तुलसी !!



राम रामेंति रामेति रमे रामे मनोरमे !
सहस्त्र नाम ततुल्यं राम नाम वरानने !

महामुनि बुधकौशिक ऋषि द्वारा रचित श्री राम रक्षा स्रोत के देवता हैं युगल श्रीरामभद्रजी  एवं जगद्जननीजानकी मातेश्वरी श्रीसीता जी !

इस महामंत्र के गुणातीत देवता श्रीरामजानकी युगल के दिव्य सद्गुनों की इतनी सार्थक व्याख्या  एवं महिमा  का इतना सरस सुमधुर गायन अन्यत्र किसी भी साहित्य में उपलब्ध नही है !

उपरोक्त श्लोक की दूसरी पंक्ति में समाहित है समग्र स्तोत्र का सारांश 
सहस्त्र नाम ततुल्यं राम नाम वरानने !
अर्थात 
अन्य सहस्त्रों देवताओं के नामो से बढ़ चढ़ कर है श्री राम नाम !

रामभक्त संत तुलसीदास जी ने भी राम नाम को सर्वोच्च कहा  :

ब्रह्म अनामय अज भगवंता ! व्यापक अजित अनादि अनंता !!
हरि व्यापक सर्वत्र समाना ! प्रेम ते प्रगट होहिं मैं जाना !!
यद्यपि प्रभु के नाम अनेका ! श्रुति कह अधिक एक ते एका !!
राम सकल नामन्ह ते अधिका ! ............................!!

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संत तुलसीदास की उपरोक्त चौपाइयों का अपना गायन आपको फिर कभी सुनायेंगे आज हम आपको सुना रहे हैं वर्तमान रामनाम साधिका श्रीमती शांतादयाल जी द्वारा रचित स्वरबद्ध किया तथा गाया  यह भजन , जो उन्होंने १९८३ -८४  हमारे कानपुर के अमृतवाणी सत्संग  में गाकर सभी साधकों को भाव विभोर कर दिया था ! लीजिए सुनिये और देखिये 

सुमिर् राम का नाम मन रे , सुमिर राम का नाम !!
रामनाम सब पाप निवारे , रामनाम जप भव भय तारे !!
तर जा भव सागर से प्राणी ,  सुमिर राम का नाम !!

राम जाप जब होगा निरंतर , प्रेम प्रगट होगा घट अंतर !!
ज्योति जगेगी छवि  प्रगटेगी , दर्शन देंगे राम !!
मगन हो जपले राम का नाम ! सुमिर राम का नाम !!





भक्ति करो श्री राम चन्द्र की , सेवा उन्ही के चरणों की !!
मन में उनकी छवि बसा लो ,जपो निरंतर नाम 
मगन हो जप ले राम का नाम !!

सुमिर राम का नाम मन रे सुमिर राम का नाम !!
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youtube LINK :

https://youtu.be/OeHBUNlLrPU

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निवेदक :   व्ही . एन.  श्रीवास्तव "भोला"
तकनीकी सहयोग : श्रीमती डॉक्टर कृष्णा भोला श्रीवास्तव 
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