रविवार, 3 अप्रैल 2022

सर्वेश्वरी जय जय जगदीश्वरी माँ

चैत्र नवरात्रि के दूसरे दिन के लिए मां का भजन



सर्वेश्वरी, जय जय जगदीश्वरी माँ

तेरा ही एक सहारा है
तेरी आंचल की छाहँ छोड़ 
अब नहीं कहीं निस्तारा है  
सर्वेश्वरी जय जय जगदीश्वरी माँ

मैं अधमाधम, तू अघहारिणी ! 
मैं पतित अशुभ, तू शुभकारिणी
हे ज्योतिपुंज, तूने मेरे 
मन का मेटा अंधियारा है !!
सर्वेश्वरी, जय जय जगदीश्वरी माँ

तेरी ममता पाकर किसने 
ना अपना भाग्य सराहा है
कोई भी खाली नहीं गया 
जो तेरे दर पर आया है !!
सर्वेश्वरी, जय जय जगदीश्वरी माँ

अति दुर्लभ मानव तन पाकर 
आये हैं हम इस धरती पर,
तेरी चौखट ना छोड़ेंगे,
अपना ये अंतिम द्वारा है !!
सर्वेश्वरी, जय जय जगदीश्वरी माँ


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