एक आस्तिक की आत्म कहानी - विश्वम्भर नाथ श्रीवास्तव 'भोला'
राधा अष्टमी के पावन अवसर पर सबको बहुत बहुत शुभकामनाएं।
सुनिए, डॉ. श्रीमती प्रेमलता पालीवाल के स्वर में, श्री श्री माँ आनंदमयी के वृंदावन आश्रम में 1978 में गायी हुई, हृदय को आनंदित करती हुई यह धुन - राधे राधे, श्याम मिला दे ।
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