"मुकेशजी" और उनका नकलची "मैं"
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"२७ अगस्त -"
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आज की तारीख़ , हमारे लिए वर्ष १९७६ से ही अति महत्वपूर्ण रही है ! लेकिन "आज" २०११ की यह तारीख तो महत्ता - महानता की सभी सीमाएं लांघ कर उस ऊंचायी को छू रही है जो १९४७ की १५ अगस्त के पूर्व कभी उलंघित नहीं हुई थी !
समझ गए होंगे आप ! पिछले १४ अगस्त से आज तक अस्वस्थता के कारण क्रियाहीन बना मैं ,यहाँ USA में ,अपने पलंग पर पड़ा पड़ा , टेलीविजन पर , दिल्ली के रामलीला मैदान से अन्ना के पक्षधरों तथा निकट ही सत्ता के गलियारों से "मनीषी" महापुरुषों की कटु एवं मधुर वार्ता का रसास्वादन कर रहा था ! रोगियों के मुंह का स्वाद वैसे ही बिगडा होता है , मेरा क्या हांल हुआ होगा आप खूब जानते हैं ! मैं कुछ न कहूँगा !
अन्त्तोगतवा जनता की विजय हुई ! आप सब को बधाई ! पुस्तके लिखी जा सकती हैं इस विषय में ! प्रियजन ! अभी मैं असमर्थ हूँ , अधिक कुछ नहीं कह पाउँगा ! कारण ---
२७ अगस्त ,२०११
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आज
यहाँ USA के पूर्वोत्तर के सागर तट पर आज एक भयंकर तूफ़ान (हरीकेन) आया है ! सागर तट का हमारा यह नगर भी आज मध्य रात्रि तक "आयरीन" नाम के इस हरिकेन की चपेट में आने वाला है ! राष्ट्रपति ओबामा अपने "होलीडे" से समय से पूर्व ही लौट आये हैं ! पूरे क्षेत्र में EMERGENCY declare कर दी गयी है ! सागरतट के निकट के सभी नगर खाली करवाए जा रहे हैं ! कल दिन में यदि लिख पाया तो विस्तुत विवरण दूँगा ! आज यह प्रसंग यहीं समाप्त करता हूँ !
२७ अगस्त १९७६
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मैं उन दिनॉ, "गयाना" के नगर "New Amsterdam" में अपने प्रोजेक्ट साइट का निरीक्षण करने गया हुआ था ! भक्ति संगीत में मेरी रूचि देख कर नगर के भारतीय मूल के मेयर तथा वहाँ के प्रतिष्ठित व्यापारियों ने अगले दिन ,मेरे लिए एक संगीतमय स्वागत समारोह आयोजित किया था ! --------
शेष अगले अंक में
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निवेदक : व्ही. एन. श्रीवास्तव "भोला"
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