जगदम्बिके जय जय जग जननी माँ,
मेरे एवं भोला परिवार के समवेत स्वरों में ।
श्री राम नवमी के पावन अवसर पर सब को बहुत बहुत बधाई ।
इस अवसर पर हमारे १९७३ में बने एल पी सेट 'श्री राम गीत गुंजन' के ये बधाई गीत सुनिए ।
राधा अष्टमी के पावन अवसर पर सबको बहुत बहुत शुभकामनाएं।
सुनिए, डॉ. श्रीमती प्रेमलता पालीवाल के स्वर में, श्री श्री माँ आनंदमयी के वृंदावन आश्रम में 1978 में गायी हुई, हृदय को आनंदित करती हुई यह धुन - राधे राधे, श्याम मिला दे ।
नमामि अम्बे दीन वत्सले,
तुम्हे बिठाऊँ हृदय सिंहासन,
तुम्हे पिन्हाऊँ भक्ति पादुका,
नमामि अम्बे भवानि अम्बे ..
श्रद्धा के तुम्हे फूल चढ़ाऊँ,
श्वासों की जयमाल पहनाऊँ,
दया करो अम्बिके भवानी,
नमामि अम्बे भवानि अम्बे ..
बसो हृदय में हे कल्याणी,
सर्व मंगल मांगल्य भवानी,
दया करो अम्बिके भवानी,
नमामि अम्बे भवानि अम्बे ..
प्राण भरो प्राण भरो प्राण भरो
जगदंबिके
शत शत शत शरदाम्बिके
जगदंबिके
सर्वमंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके।
शरण्ये त्र्यंबके गौरी नारायणि नमोऽस्तुते।
नारायणि नमोऽस्तुते।
शिव शंकर समर्थ,सर्वग्य,,सर्व कलाओं और सर्व गुणों के आगार हैं ,योग ,ज्ञान और ,वैराग्यकेभण्डार हैं ! वे कल्याणस्वरूप हैं,करुणानिधि हैं ,भक्तवत्सल हैं ,कल्पतरु की भांति शरणागत को वरदान देने वाले देव हैं !