जब सन् १९६३ से ६५ तक जब मैं लन्दन में था, तब अकेले था. कृष्णा और सारे बच्चे श्रीदेवी, रामजी, राघवजी और प्रार्थना, चार थे तब. ये लोग ग्वालियर में थे और मैं फिट्ज़रॉय स्क्वायर 'वाय एम् सी ऐ' इन्डियन स्टूडेंट्स होस्टल में रहता था, लन्दन में, अकेले. तो obviously सबकी बहुत याद आती थी, बच्चों की. जब अपने लोगों की याद आती है, उनकी चिंता होती है तो फिर उस ऊपरवाले की भी याद आती है, ईश्वर की याद आती है .
तो, उन दिनों भी कुछ कविता लिखने का शौक हो गया था, या भगवान की ऐसी याद आयी कि खुद कलम उठ गयी और कविता बन गयी ये . भजन सा बना .प्रभु की याद में, प्रभु के नाम से बना . मेरे प्रभु दया करो, सब पर दया करो, मेरे प्रभु दया करो .
मुझे खुशी इस बात की है कि रामजी की इस नोटबुक में ये कविता भी लिखी है, इतनी सफाई से, इतनी अच्छाई से रामजी ने सुरेख से इन भजनों को लिखा है मुझे उनके मन में प्रभु के प्रति विश्वास, श्रद्धा, प्रेम है उसका रूप दर्शित होता है इस सुरेख से लिखे भजनों में .
लीजिए, आप भी यह भजन पढ़िए और सुनिए :
तो, उन दिनों भी कुछ कविता लिखने का शौक हो गया था, या भगवान की ऐसी याद आयी कि खुद कलम उठ गयी और कविता बन गयी ये . भजन सा बना .प्रभु की याद में, प्रभु के नाम से बना . मेरे प्रभु दया करो, सब पर दया करो, मेरे प्रभु दया करो .
मुझे खुशी इस बात की है कि रामजी की इस नोटबुक में ये कविता भी लिखी है, इतनी सफाई से, इतनी अच्छाई से रामजी ने सुरेख से इन भजनों को लिखा है मुझे उनके मन में प्रभु के प्रति विश्वास, श्रद्धा, प्रेम है उसका रूप दर्शित होता है इस सुरेख से लिखे भजनों में .
लीजिए, आप भी यह भजन पढ़िए और सुनिए :
हे प्रभु दया करो ,
सब पर दया करो ..
सब पर दया करो ..
दीन दुखी हैं सब संसारी
एक से एक विपद सहे भारी
मेरे राम
दुःख ने सबकी मति है मारी
विपदा आन हरो
मेरे प्रभु दया करो ,
सब पर दया करो ..
एक से एक विपद सहे भारी
मेरे राम
दुःख ने सबकी मति है मारी
विपदा आन हरो
मेरे प्रभु दया करो ,
सब पर दया करो ..
अपनी बात कहूँ क्या तुम से
सब पतितों के हूँ मैं नीचे
मेरे राम
फिर भी तुम क्यों आंखें मींचे
बेड़ा पार करो
हे प्रभु दया करो ,
सब पर दया करो ..
सब पतितों के हूँ मैं नीचे
मेरे राम
फिर भी तुम क्यों आंखें मींचे
बेड़ा पार करो
हे प्रभु दया करो ,
सब पर दया करो ..
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निवेदक - व्ही एन श्रीवास्तव 'भोला'
'ईजिप्ट में १९९२ में टेप किये कैसेट से'
तकनीकी सहयोग: श्रीमती प्रार्थना एवं कुमारी आकांक्षा
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1 टिप्पणी:
bahut sundar bhajan.vastav me door hone par apnon kee yad bhi satati hai aur chinta bhi hoti hai.
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