हमारा शरीर एक मोटर कार की Battery है जिसमे यह Positive Energy अर्थात आत्मा विराजमान है. हमारे NEGATIVE विचार इस Battery को DRAIN करते रहते है. जैसे कि हम जब Battery के Positive और Negative terminals को short करते है तो battery की Energy क्षीण हो जाती है उसी प्रकार Negative THOUGHTS या Negative DEEDS हमारी ENERGY पर कुप्रभाव डालते है.
अच्छे विचार और अच्छे कर्म इस Battery की Energy को चार्ज करते है - उसकी भूख मिटाते है.
पर यह Battery सबसे अच्छी CHARGE होती है जब वह SUPER ENERGY के साथ होती है अर्थात जब हम पूजा, प्रार्थना, ध्यान करते है. इसलिए यह जरूरी है की हम रोज थोडा समय उस SUPER POWER के साथ बिताये और अपनी Battery Charge करे.
हमने यह भी देखा है की जब हम बहुत दुखीं होते है या हताश हो जाते है तब हमारी ENERGY या यह कहे आत्मा बहुत DRAINed Feel करती है और तभी प्रभु की शरण में बैठ कर हम पुनः CHARGE हो जाते है - प्रफुल्लित हो जाते है.
जब अंत समय आता है तब इस Battery की ENERGY - आत्मा शरीर से निकल जाती है और रह जाता है एक Battery का खोका - निढाल शरीर जिससे फिर जीवन यात्रा संभव नहीं है.
चूंकि कोई ENERGY कभी ख़त्म नहीं होती है अतः हमारा यह विश्वास है कि हमारी आत्मा - ENERGY उसी परम ब्रह्म में जा मिलती है जो कि Super ENERGY है और जिसका यह एक अंश है.
इसलिए जरूरी है कि हम सिर्फ POSITIVE विचार और कर्म करे और NEGATIVE विचारों और कर्म से दूर भागें.
यह भी सुना है कि:
हमारे विचार ही हमें कर्म करने को कहते है और
यही कर्म धीरे धीरे हमारे सस्कारों में परिवर्तित हो जाते है.
यही कर्म धीरे धीरे हमारे सस्कारों में परिवर्तित हो जाते है.
इसलिए यह जरूरी है की हम अच्छे विचार लाये जिससे हम अच्छे कर्म करे और फलतः अच्छे संस्कार डालें.......
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