हनुमत कृपा साधक साधन साधिये
साधन - भजन कीर्तन ( २ ९ ६ )
भजनों का दिव्य प्रभाव
भजनों के शब्दकार तथा गायकों की आध्यात्मिक स्थिति के विषय में चर्चा करते हुए
किसी महापुरुष ने अपने एक प्रवचन में कहा कि गाने योग्य, भगवत प्रेम से ओतप्रोत
साहित्य की रचना करने वाले तथा गेय रचनाओं को संगीत बद्ध कर के गानेवाले साधारण
जीवधारियों जैसे दिखने वाले व्यक्ति वास्तव में दिव्यगुण संपन्न महात्मा होते हैं !प्रभु उनसे अतिशय प्रीती करते हैं ! ऐसे गायक भक्तों में उन्होंने आदि शंकराचार्य ,तुलसी ,मीरा ,सूर ,कबीर, स्वामी हरिदास आदि अनेक नाम बताये ! ये सब महापुरुष तो सदियों पूर्व इस धरती पर आये थे !
मैं अपनी याददास्त से उपरोक्त गायकों के अतिरिक्त इस शताब्दी में जन्मे , पर अब दिवंगत महागायकों के नाम तथा उनके प्रेरणादायक अमर भजनों की सूची यहाँ दे रहा हूँ जिन भजनों को सुन कर मुझे भजन गाने की प्रेरणा मिली :
मैं अपनी याददास्त से उपरोक्त गायकों के अतिरिक्त इस शताब्दी में जन्मे , पर अब दिवंगत महागायकों के नाम तथा उनके प्रेरणादायक अमर भजनों की सूची यहाँ दे रहा हूँ जिन भजनों को सुन कर मुझे भजन गाने की प्रेरणा मिली :
- पंडित ओंकार नाथ ठाकुर जी : "मैया मोरी मैं नहीं माखन खायो ",
- श्री डी. वी . पलुस्कर जी : " पायो जी मैंने राम रतन धन पायो "
- श्री भीमसेन जोशी जी : " जो भजे हरी को सदा ,वो परम पद पायेगा "
- श्री दिलीप राय: " तुने क्या किया ये बता तो सही मेरा चैन गया मेरी नींद गयी"
- श्री के .एल .सहगल जी : " नैन हींन को राह दिखा प्रभु पग पग ठोकर खाऊं मैं "
- श्री हरिओम शरण जी : " ऐसा प्यार बहा दो मैया "
- श्री मुकेश जी : " सुर की गति मैं क्या जानू एक भजन करना जानू "
- जनाब रफी साहेब : " पांव पडूँ तोरे श्याम ब्रिज में लौट चलो "
आज भी अपनी मधुर वाणी से हम सब को दिव्य आनंद प्रदान करने वाले निम्नलिखित संगीतज्ञ गायकों के भजन हमारे हृदय में भक्ति भाव का अनायास ही संचार करवा देते हैं
पंडित जसराज जी, मिश्र बंधू राजन-साजन जी , जगजीत सिंह जी, पुरुषोत्तम दास जलोटा जी एवं उनके पुत्र अनूप जी, पंकज उधास जी, आदि पुरुष गायक ! देवियों में मेरी जानकारी में प्रमुख हैं बंगाल की सुश्री जूथिका राय , श्रीमती दीपाली ताल्लुकदार जी, संध्या मुखेर्जी जी ! विश्वप्रसिद्द गायिका एम् एस सुब्बुलक्ष्मी किशोरी अमोनकर जी , लताजी, आशाजी, कविता कृष्णमूर्ति जी ,आदि के मधुर भजनों को कौन भुला सकता है.!
बचपन से केवल उपरोक्त भजनों को सुन सुन कर मैंने भजन गाना सीखा है ! अस्तु ये सभी गायक मेरे संगीत गुरु हैं ! मैं सब को ही श्रद्धा सहित प्रणाम करता हूँ ! अवश्य ही बहुत से प्रमुख गायकों के नाम मेरे स्मृत पटल से मिट चुके होंगे ! अब इस उम्र में सब कुछ याद रख पाना असंभव है ! उनसे क्षमा मांगता हूँ !
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निवेदक: व्ही. एन. श्रीवास्तव "भोला"
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