लाजपत नगर
नयी दिल्ली
के वर्तमान सद्गुरु डोक्टर श्री विश्वमित्र महाजन जी
के श्री चरणों में एक नम्र निवेदन
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अमेरिका के साधक बड़ी उत्सुक्ता से श्री महाराज जी के यहाँ आगमन की प्रतीक्षा कर रहे हैं ! उनके विचारों को संजोये है यह रचना :-
हे गुरुदेव विलम्ब न कीजे !
साधक जन को दर्शन दीजे !!
दो वर्षों से साधक सारे , दर्शन अभिलाषा उर धारे !!
ठाढें हैं गुरु मन्दिर द्वारे ,नाथ सनाथ इन्हें कर दीजे !!
हे गुरुदेव विलम्ब न कीजे !!
पद परसन की चाह लिए मन,आतुर हैं सारे साधक गन !
गुरुवर उन्हें जान अपना जन,अवसर एक सबहि को दीजे !!
हे गुरुदेव विलम्ब न कीजे !
मानव मन दुर्गुण का डेरा ,पल पल करता पाप घनेरा !
गुरु तजि और न कोई मेरा ,भव सागर से पार करीजे !!
हे गुरुदेव विलम्ब न कीजे !
मुझको दुर्लभ है तव दर्शन ,गुरुवर मेरा है दूषित मन !
एक बार कर अमृत वर्शन , मेरे सब अवगुण हर लीजे !!
हे गुरुदेव विलम्ब न कीजे !!
"भोला"
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निवेदक : वही. एन. श्रीवास्तव "भोला"
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