शुक्रवार, 25 मार्च 2011

गुरु बिन कौन संभारे ( Bhola_Bhajans) # 3 2 8


गुरु वन्दना

गुरु बिन कौन संभारे ,को भव सागर पार उतारे ?

टूटी फूटी नाव हमारी पहुंच न पायी तट पर, 
जैसे कोई प्यासा राही भटक गया पनघट पर,  
पास खड़ा गुरु मुस्काता है ,दोनों बांह  पासारे
वो भवसागर पार उतारे --गुरु बिन कौन-----

मेरे राम मुझे शक्ती दे , मन में मेरे दृढ़ भक्ती दे,
राम काम मैं करूं निरंतर राम नाम चित धारे
वो भवसागर पार उतारे -- गुरु बिन कौन -----

जीवन पथ की उलझन लख कर, रुक ना जाना राही थक कर ,
अपना साथी राम निरंजन हरदम साथ हमारे 
वो भवसागर पार उतारे -- गुरु बिन कौन -----
(भोला) 
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श्री हनुमंत कृपा कथा सुना रहा था ! आज का सन्देश टाईप करने को "ब्लोगर इन ड्राफ्ट " पर गया यो देखा की  मेरे द्वारा २००१ में रेकोर्ड किया हुआ गुरु वंदना का यह भजन मेरे किसी पुत्र अथवा पुत्री ने "यूं ट्यूब" के द्वारा आज के मेरे ब्लॉग के ड्राफ्ट में पहले से ही  ड़ाल दिया है ! किसको धन्यवाद दूं ? बड़ी बेटी श्री देवी भारत में हैं दुसरे और तीसरे राम और राघव यहीं पर हैं ! इन तीनों में से कोई एक है ! जो भी हो मैं इसे फ़िलहाल अपने प्रभु की इच्छा और इशारा मान कर इसे आपकी सेवा में प्रेषित किये दे रहा हूँ !


१०-११ वर्ष पुरानी अति साधारण वीडिओ टेप रेकोर्डिंग थी , उसको ड़ी वी ड़ी में परिवर्तित किया गया है और अब यूट्यूब और ब्लोगर के द्वारा आपके पास भेजा जा रहा है ! आपको कुछ ठोक पीट करनी पड़ेगी और विशेष कष्ट उठाने पड़ेंगे तब आप इसे पूरा सुन पायेंगे !  क्षमा  करियेगा !

इसमें चित्र हैं मेरे एकमात्र सद्गुरु श्री स्वामी सत्यानन्द जी महराज ,दिवंगत श्री प्रेमजी महराज और वर्तमान गुरुदेव डोक्टर विश्वामित्र जी महराज के ! इनके अतिरिक्त श्री श्री माँ आनंदमयी जी तथा श्री स्वामी अखंडानंद जी महराज ('विपुल' मुम्बई ) के भी चित्र हैं! इन सभी सिद्ध महात्माओं ने मेरे ऊपर समय समय पर जो विशेष कृपा करी है उन के स्मरण मात्र से मेरा हृदय इस समय भी द्रवित हो रहा है ! माँ आनंदमयी की अति विशेष कृपा का विस्तृत विवरण मैं अपने पिछले संदेशों में दे चका हूँ , श्री स्वामी अखंडानंद जी महाराज के सानिध्य में जो अपनापन मुझे महसूस हुआ था शब्दों में अंकित कर पाना   मेरे लिए इस समय अति कठिन लग रहा है !भविष्य में यदि प्यारे प्रभु आदेश देंगे प्रेरणा देंगे तो आपको अवश्य सुनाऊंगा !

हनुमंत कृपा कथा जो अधूरी छूट गयी है वह यदि "उनका" आदेश हो गया तो अगले अंकों में पूरा कर दूंगा ! 

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निवेदक :  व्ही . एन. श्रीवास्तव "भोला"
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2 टिप्‍पणियां:

सहज समाधि आश्रम ने कहा…

बहुत सुन्दर लगा आपका भजन
जिसने भी उपलब्ध कराया ।
उसका अति आभार

Patali-The-Village ने कहा…

बहुत सुन्दर बन्दना| धन्यवाद|