गुरुवार, 6 जनवरी 2011

भजन ( Blog # 2 6 1 )

भजन 

 प्रियजन !  
आज ,कुछ दिवस पूर्व बनी एक रचना प्रेषित कर रहा हूँ !
 प्रभु से प्रार्थना कर रहा हूँ क़ि वह ह्म सब पर अपनी कृपा दृष्टि बनाये रखें !
ऎसी बुद्धि ,शक्ति और प्रेरणा दें क़ि मैं कल से पुनः "साधन" के संदेश भेज पाऊँ  !! 
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जाका मीत राम सुखदाता !!
उस जन को दुःख नहीं सताता !! 
चाहे जितनी विपदा आवे ,त्रिविध ताप भव रोग सतावे !!
राम  सखा हरदम मुसकाता ,उस जन को दुःख नहीं सताता  !!
जाका मीत राम सुखदाता !!
राम  कृपा जो निर्भर होता, करता कर्म, तान कर सोता !!
प्रभु उसके सब काम बनाता ,उस जन को दुःख नहीं सताता !!
जाका मीत राम सुखदाता  !!
गज सम अहंकार मद त्यागो ,निर्बल बन प्रभु से बल मांगो !!
सबल करेगा तुरत विधाता , उस जन को दुःख नहीं सताता !!
जाका मीत राम सुखदाता !!
जो निज अहम् करे हरि अर्पन ,निर्मल करके मन का दर्पन !!
वह जन ही प्रभु के मन भाता ,केवल वह ही हरि पद पाता !!
जाका मीत राम सुखदाता !!
उस जन को दुःख नहीं सताता !!
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इस भजन  के माध्यम से प्रभु  का सिमिरन हो रहा है ,
  आशा है उनकी कृपा होगी और अवश्य ही होगी !! 
निवेदक:
व्ही. एन. श्रीवास्तव "भोला"

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