अनुभवों का रोजनामचा
आत्म कथा
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आज प्रातः काल से ही होली की शुभ कामनाओं के मेल आने लगे ! मन पर ,भूचाल और सुनामी से प्रताड़ित जापान की पीड़ा भरपूर कब्जा जमाये थी ,कुछ और सोचने समझने या लिखने का सामर्थ्य ही न था ! लिखने बैठा तो निम्नांकित होली का जवाबी सन्देश ही लिख पाया ! पाठकगण अस्तु "रामेच्छा" मान कर , उनकी भेजी प्रेरणा समझ कर मैं अपना आज का सन्देश इस से ही शुरू करता हूँ !
परम प्रिय स्वजन
सब को ही होली की राम राम
कितने भाग्यवान हैं हम सब ,खेल रहे मिल जुल कर होली
और कही पर धधक रही जनता के अरमानो की होली
कही घुल रहा रङ्ग रुधिर का सागर के जल मे अति गहरा
और कही टेसू गुलाब के रंग रन्गी जनता की टोली
प्रियजन खेलो रंग , मचाओ धूम ,नगर मे घूम घूम कर
मन मे करते रहो विनय ,"""प्रभु खोलो अब तो करुणा झोली
कष्ट हरो करुणाकर स्वामी ,जग के सारे ,दुखी जनो के"
मानवता ,मिल जुल कर ,जिससे ,खेल सके हम सब से होली
भोला - कृष्णा
और कही पर धधक रही जनता के अरमानो की होली
कही घुल रहा रङ्ग रुधिर का सागर के जल मे अति गहरा
और कही टेसू गुलाब के रंग रन्गी जनता की टोली
प्रियजन खेलो रंग , मचाओ धूम ,नगर मे घूम घूम कर
मन मे करते रहो विनय ,"""प्रभु खोलो अब तो करुणा झोली
कष्ट हरो करुणाकर स्वामी ,जग के सारे ,दुखी जनो के"
मानवता ,मिल जुल कर ,जिससे ,खेल सके हम सब से होली
भोला - कृष्णा
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प्रियजन अपने भारत की तो परम्परा है "परहित" ! हमारे संतों और गुरुजनों ने सिखाया है कि "परहित सरिस धरम नहीं भाई " और अपनी पौराणिक प्रार्थना है::
ॐ सर्वेषाम स्वस्तिर भवतु , सर्वेषाम शांतिर भवतु ,
सर्वेषाम पूर्णंम भवतु , सर्वेषाम मंगलम भवतु
सर्वे भवन्तु सुखिनः ,सर्वे सन्तु निरामयः
सर्वे भद्राणि पश्यतु ,माँ कश्चती दुख्भाग्भ्वेती
(प्यारेप्रभु ! सबका कल्याण हो ! सबको शांति प्राप्त हो ! सबमें पूर्णता आये ! सब सौभाग्यशाली हों !! मेरे नाथ !
सब सुखी हो !सब योग्य हों ! सब परस्पर एक दूसरे का भला चाहें ! कोई भी दुःख से पीड़ित न हो !!)
ॐ शांति शांति शांति ॐ
ॐ आनंद आनंद आनंद ॐ
( भीतर शांति
बाहर शांति ! सर्वत्र शांति !!
सर्वत्र आनंद ही आनंद !!)
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प्लीज़ ऐसा न सोचो कि टाल रहा हूँ ,या भूल गय हूँ ! ऐसा कुछ नहीं है ! भाईया, यह रेलगाड़ी की घटना पिछले ६६ वर्षों से आज तक याद रख सका हूँ ,तो दो दिनॉ में कैसे भुल जाउंगा ! भरोसा रखिये सारी कहानी सुनाऊंगा ! जरा वह मेरे "ऊपर वाले गार्ड साहेब" हरी झंडी तो दिखाएँ ! बस उसकी ही प्रतीक्षा कर रहा हूँ !
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निवेदक: :व्ही .एन. श्रीवास्तव "भोला'
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4 टिप्पणियां:
एक सुन्दर बेहतरीन प्रस्तुति आपको सपरिवार होली की
बहुत बहुत शुभकामनायें ।
बेहतरीन प्रस्तुति|
होली की हार्दिक शुभकामनाएँ|
बहुत सुन्दर प्रस्तुति ....होली की शुभकामनायें
बहुत सुन्दर प्रस्तुति..होली की हार्दिक शुभकामनायें!
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