हनुमत कृपा
अनुभव
(गतांक से आगे)
उस दिन अमेरिका में बच्चों ने जो प्रश्न मुझसे पूछे थे वे सभी भारत के दो पुरातन ग्रन्थ श्रीमदभागवत एवं रामायण में वर्णित मानव जीवन से सम्बंधित अनोखीऔर रहस्यमयी परम्पराओं और मान्यताओं के विषय में थे! उन्हें यह जानने की जिज्ञासा थी कि--
(III) इन बच्चों ने केवल योगेश्वर भगवान "श्री कृष्ण" की शिकायत ह़ी नहीं, उन्होंने हिन्दुओं के सर्वाधिक मान्य देवता - मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान "श्री राम" के द्वारा किये गये कुछ कार्यों को भी अनुचित बताया और हमसे प्रश्न किया कि " क्या आप भी ऐसे व्यक्ति को भगवान मानते हैं और उनकी पूजा करते हैं ? !उन्हें "श्री राम" के जीवन में जो बातें अनुचित लगी वह थीं
- (I) क्या सचमुच हिन्दुओं के तैंतीस करोड़ देवी देवता हैं जिन्हें वह ईश्वर मान कर पूजते हैं ?
- (II) क्या हिन्दुओं द्वारा भगवान माने जाने वाले योगेश्वर "श्री कृष्णा"--
- (ए ) बचपन में गोकुल के घर घर में माखन मिशरी चुराते फिरते थे ?,
- (बी) क्या बचपन में उनका यमुना में स्नान करती गोपियों के वस्त्र गायब करके उन्हें सताना अनुचित नहीं था ?
- (सी) क्या उनका अपने से उम्र में बड़ी विवाहिता स्त्री "राधा रानी" के साथ प्रेम करना अशोभनीय और अनैतिक नहीं था ?
- (दी) क्या वह अपनी पटरानी "रुकमणी" को उनके माता पिता की स्वीकृति के बिना जबरदस्ती भगा कर द्वारिका नहीं लाये थे ?
- (इ) क्या सचमुच उनके सोलह हजार एक सौ आठ रानियाँ थीं ?
(III) इन बच्चों ने केवल योगेश्वर भगवान "श्री कृष्ण" की शिकायत ह़ी नहीं, उन्होंने हिन्दुओं के सर्वाधिक मान्य देवता - मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान "श्री राम" के द्वारा किये गये कुछ कार्यों को भी अनुचित बताया और हमसे प्रश्न किया कि " क्या आप भी ऐसे व्यक्ति को भगवान मानते हैं और उनकी पूजा करते हैं ? !उन्हें "श्री राम" के जीवन में जो बातें अनुचित लगी वह थीं
- (ए) कोई भगवान इतना निर्दयी कैसे हो सकता है कि वह अपनी धर्मपत्नी को अपनी पवित्रता प्रमाणित करने के लिए जीते जी आग में जलने का आदेश दे !
- (बी) पवित्रता साबित कर देने के बाद भी वह अपनी गर्भवती स्त्री को त्याग दे और जीवन भर उसे नहीं अपनाए , क्या देवता माने जाने वाले "श्री राम" का यह कृत्य उनकी पत्नी के प्रति अन्याय नहीं था ?
- (सी) मर्यादा पुरुषोत्तम कहलाने वाले "राम" ने क्या "सुग्रीव"से मित्रता निभाने के लिए उसके बड़े भाई "बाली" को छलपूर्वक नहीं मारा ?क्या उन्होंने "बाली" के साथ अन्याय नहीं किया ?,क्या यह करके उन्होंने अपनी मर्यादाओं का उल्लंघन नहीं किया ?
(हमने इसके आगे भी बहुत कुछ लिखा था पर इष्ट देव की शुभेच्छा से वह सब अदृश्य हो गया है ! मैं तो इसे भी श्री हनुमत कृपा ही समझता हूँ ! धन्यवाद भी देता हूँ "उन्हें" ! ह्म खोजने की कोशिश कर रहे हैं , "उनकी" कृपा से मिल गया तो कल आपकी सेवा में प्रेषित कर देंगे अन्यथा "उनकी" इच्छानुसार कुछ नया लिखेंगे )
क्रमशः
निवेदक: व्ही.एन. श्रीवास्तव "भोला"
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