सिया राम के अतिशय प्यारे,
अंजनिसुत मारुति दुलारे,
श्री हनुमान जी महाराज
के दासानुदास
श्री राम परिवार द्वारा
पिछले अर्ध शतक से अनवरत प्रस्तुत यह

हनुमान चालीसा

बार बार सुनिए, साथ में गाइए ,
हनुमत कृपा पाइए .

आत्म-कहानी की अनुक्रमणिका

आत्म कहानी - प्रकरण संकेत

रविवार, 2 मई 2010

राम ही राम बस राम ही राम

राम ही राम बस राम ही राम,
आगे-आगे राम तेरे पीछे-पीछे राम ,
आगे-आगे राम तेरे पीछे-पीछे राम ,

ओ वीर हनुमान तेरे साथ में हैं राम
वीर हनुमान तेरे साथ में हैं राम ,
तेरे सीने में समाये बस राम ही राम,

राम राम, राम राम, राम राम राम (२)
राम ही राम बस राम राम ही राम (२)
आगे-आगे राम तेरे पीछे-पीछे राम (२)

राम के दिवाने तेरी सच्ची है लगन ,
राम के भजन में तू रहता है मगन ।
तेरे जैसा भक्त कोई राम का नहीं ,
राम के सिवा किसी को मानता नहीं ।

ओ वीर हनुमान तेरे साथ में हैं राम
वीर हनुमान तेरे साथ में हैं राम ,
तेरे सीने में समाये बस राम ही राम,

राम राम, राम राम, राम राम राम (२)
राम ही राम बस राम राम ही राम (२)
आगे-आगे राम तेरे पीछे-पीछे राम (२)

रात दिन सेवा करे श्रीराम की ,
लाल तुझे मानती हैं माँ जानकी ।
मां ने वरदान दिया, खुश हो गया,
भक्त से तू भक्त शिरोमणी हो गया ।

ओ वीर हनुमान तेरे साथ में हैं राम
वीर हनुमान तेरे साथ में हैं राम ,
तेरे सीने में समाये बस राम ही राम,

राम राम, राम राम, राम राम राम (२)
राम ही राम बस राम राम ही राम (२)
आगे-आगे राम तेरे पीछे-पीछे राम (२)

दुनिया में है ही नहीं कोई ऐसा काम ,
बनवारी कर नहीं कर पाये हनुमान ।
जिसे विश्वास नहीं तेरा हनुमान ,
उसको शरण नहीं लेते श्रीराम ।

ओ वीर हनुमान तेरे साथ में हैं राम
वीर हनुमान तेरे साथ में हैं राम ,
तेरे सीने में समाये बस राम ही राम,

राम राम, राम राम, राम राम राम (२)
राम ही राम बस राम राम ही राम (२)
आगे-आगे राम तेरे पीछे-पीछे राम (२)
राम ही राम बस राम राम ही राम (२)