सिया राम के अतिशय प्यारे,
अंजनिसुत मारुति दुलारे,
श्री हनुमान जी महाराज
के दासानुदास
श्री राम परिवार द्वारा
पिछले अर्ध शतक से अनवरत प्रस्तुत यह

हनुमान चालीसा

बार बार सुनिए, साथ में गाइए ,
हनुमत कृपा पाइए .

आत्म-कहानी की अनुक्रमणिका

आत्म कहानी - प्रकरण संकेत

रविवार, 23 मई 2010

adwaitwad

हम  नहीं वो हमे जिस नाम से बुलवाया है.

नामवाले बहुत आये-गये गुमनाम हुए,
बच गए वह जिन्हें उस "नाम"ने सहलाया है.

जिस्म का नाम है कुछ, आत्मा है बेनामी ,
सारी दुनिया ने फकत जिस्म को दुलराया है .

देह है वस्त्र जिसे डाल कर हम आये हैं,
सब ने पोशाक को चाहा, हमे ठुकराया है .

--- भोला, मई २३, 2010