जय श्री हनुमान
चरण शरण में आय के, धरूं तिहारा ध्यान .
संकट से रक्षा करो, पवनपुत्र हनुमान ..
दुर्गम काज बनाय के, कीन्हें भक्त निहाल .
अब मोरी विनती सुनो, हे अंजनि के लाल ..
हाथ जोड़ विनती करूं, सुनो वीर हनुमान .
कष्टों से रक्षा करो, राम भक्ति देहुँ दान,
पवनपुत्र हनुमान ..
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यह "ओम" दादा को बहनों की ओर से सादर आदरांजलि भजन संकलन पुस्तिका का पहला भजन है.
2 टिप्पणियां:
bahut hi sunder
"भूत पिशाच निकट नहीं आवे, महावीर जब नाम सुनावे"
"मंगल मूरति मारुति नंदन सकल अमंगल मूळ निकंदन,
पवन तनय संतन हितकारी, ह्रदय विराजत अवध बिहारी"
These were taught to me by Baba and Papa.
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