गतांक के आगे :
प्रातः उठते उठते ही, अविलम्ब, केवल एक मिनिट, मन ही मन अपने इष्ट का सिमरन करें और उनकी कृपा से प्राप्त सब भौतिक व दैविक उपलब्धियों के लिए उनके प्रति अपनी हार्दिक कृतज्ञता व्यक्त करें भावाद्र वाणी में कहें -
प्रातः उठते उठते ही, अविलम्ब, केवल एक मिनिट, मन ही मन अपने इष्ट का सिमरन करें और उनकी कृपा से प्राप्त सब भौतिक व दैविक उपलब्धियों के लिए उनके प्रति अपनी हार्दिक कृतज्ञता व्यक्त करें भावाद्र वाणी में कहें -
"धन्यवाद तुझ को भला कैसे दूँ भगवान ,
तूने ही सब कुछ दिया यह काया यह प्रान,
प्रति पल रक्षा कर रहा देकर जीवन दान,
क्षमा करो अपराध सब मैं मूरख नादान,
मुझपर कृपा करो भगवान"
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