गुरुवार, 1 जुलाई 2010

PRAYER to BLISS

प्रार्थना से परमानन्द 
राम परिवार क़ी प्रार्थना 

ह्म जब भी "राम परिवार" कहते हैं आप के मुखारविंद पर एक बड़ा सा प्रश्न चिन्ह अंकित हो जाता है. मेरे परम प्रिय पाठक कहीं आप ऐसा तो नहीं सोच रहे  हैं क़ी ह्म ,आपको प्रभावित करने के लिए , अपने आपको,पौराणिक काल के युग दर्शी ऋषियों द्वारा वर्णित सुप्रसिद्ध इक्ष्वाकु वंश के रघुकुल शिरोमणि मर्यादा पुरुषोत्तम श्री रामचन्द्र के वंशज होने की बात कर रहे हैं. प्रियजन,हमारा राम से तात्पर्य है उससे जो सबमे रमा हुआ है .वह जो सर्वत्र व्यापी तत्व है ,जिसे ह्म  विभिन्न नामों से जानते और पुकारते रहे हैं. जिन्हें .कोई कहता है --"परम पिता" और कोई "होली फादर - होली स्पिरिट "  प्रियजन, .वास्तव में , समस्त सृष्टि  का सृजन - विसर्जन करने वाला , पालन करने वाला एक ही परम पिता है तुलसी ने रामचरित मानस में बार बार इस तथ्य का अनुमोदन किया है:  .

एक पिता के विपुल कुमारा.    होहिं पृथक गुण सील आचारा 
कोऊ पंडित कोऊ तापस ज्ञाता .कोऊ धन्वन्त सूर कोऊ दाता ,
कोउ सर्वज्ञं  धर्मरत   कोई.      सब प़र पितहि प्रीति सम होई.
सब मम प्रिय सब मम उपजाए .सबते अधिक मनुज मोहि भाए.

ह्म और आप सब उसी परमपिता  की संतान हैं  जिसने महाराजा रघु के वंश में ,महराजा दशरथ एवं श्री राम को अवतरित किया . इस नाते ह्म सभी राम परिवार के सदस्य हैं....... पवनपुत्र महावीर हनुमान जी हमारे कुल देवता  हैं - हनुमान जी के इष्ट हैं श्री राम जी अस्तु हमारे इष्ट राम जी ही हैं .ह्म उन्हें ही संबोधित करके अपनी प्रार्थना प्रारम्भ करते हैं

मेरे राम, मेरे नाथ .
आप सर्व दयालु हो,सर्व समर्थ हो ,सर्वत्र हो ,सर्वग्य हो,आपको कोटिश नमस्कार.
आप ने साधना के लिए हमे मानव शरीर दिया है,और हमपर प्रतिक्षण दया करते रहते हैं.आपके अनंत उपकारों का ऋण नहीं चुका सकता .पूजा से आपको रिझाने का प्रयास करना चाह्ता हूँ.-------------- 

श्रद्धा विश्वास और सच्चे मन से किये गये उपरोक्त संबोधन मात्र से ही हमारे प्यारे प्रभु रीझ जायेंगे.आपको भी आनंद प्रसाद मिल जायेगा.सोते-जगते इतना क़ह कर  तो देखें . 

निवेदक: व्ही. एन. श्रीवास्तव."भोला"

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