हनुमत कृपा
पिताश्री के अनुभव
बड़े पिताश्री ने वह विज्ञापन कई बार पढ़ा ! लखनऊ से निकलने वाले अंग्रेज़ी अखबार में वह इश्तहार यू . पी .सरकार के उद्योग विभाग के Technical Education Department ने छपवाया था ! गौर से उसे पढ़ कर जब वह आश्वस्त हो गये क़ि वह वास्तव में एक सरकारी विज्ञापन ही था ,उन्होंने वह कागज़ पिताश्री की ओर बढ़ाते हुए कहा "बद्रीजी तुम सचमुच बड़े "लकी" हो !लगता है तुमने वह पा लिया है जो वर्षों की साधना के बाद अब तक भी हमें नहीं मिला है !"
अपने बड़ेभैया की बात सुन कर वह हक्के बक्के रह गये !उनकी समझ में नहीं आरहा था क़ि कैसे बड़े भैया , परीक्षा में फेल हुए छोटे भाई को "लकी" कह रहे थे ? वो प्रसाद वाला अखबारी कागज़ पिताश्री ने कुँए पर ही पढ़ लिया था और उनकी समझ में उसमे कोई ऎसी विशेष बात नहीं थी जो एक परीक्षा फेल आम व्यक्ति को अनायास ही एक विशेष असाधारणता का जामा पहना दे!
पिताश्री को परेशान देख कर उनके बड़े भैया ने पुनः कहा " बद्रीजी तुम धन्य हो ! अब तो मुझे इस बात में जरा भी शक नहीं है क़ि तुम्हें कुँए पर जो मिले थे वह वास्तव में हम लोगों के कुलदेवता श्री महाबीर जी ही थे!सोंच के देखो उन्होंने तुम्हारे भूत और वर्तमान की जो गोपनीय बातें बतायीं वह कितनी सच थीं !सबसे बड़ी बात यह क़ि उन्होंने तुम्हे एक तरह से धक्का दे कर मेरे पास यह विशेष आदेश दे कर भेजा क़ि तुम मुझे वह कागज़ किसी तरह से भी जरूर पढ़वा दो !"
जरा गौर से देखो इस अख़बार में एक ऐसा "ऐड" है जो मुझे लगता है U.P Government ने सिर्फ तुम्हारे लिए ही निकाला है ! बद्रीजी, I think this Ad.is meant for you and you only as I know तुम्हे इंग्लिश और साइंस के विषयों में हमेशा ही बहुत अच्छे marks मिले हैं ! इस नये टेक्निकल कोर्स में जाने के लिए बस यही अनिवार्य है क़ि विद्यार्थी मेट्रिक तक पढ़ा हो और उसने अंग्रेज़ी और साइंस के विषयों में Distinction or good First क्लास marks पाए हों ! तुम्हारे पास तुम्हारी पिछली मार्क शीट्स तो होंगी ही !So pack up and go to Cawnpore tomorrow.कितनी कृपा है अपने कुल देवता की तुम पर !,वे स्वयं तुम्हारे समक्ष प्रगट हुए और सारा बन्दोबस्त किया ! अब तो यह जान लो क़ि तुम्हारा एडमिशन हो ही गया ! बद्रीजी , मुंह हाथ धो कर अपने मन्दिर में आजाओ ,ह्म दोनों मिल कर प्यारे प्रभु को उनकी इस विशेष कृपा के लिए धन्यवाद देंगे "
क्रमशः
निवेदक: व्ही. एन. श्रीवास्तव "भोला"
पिताश्री को परेशान देख कर उनके बड़े भैया ने पुनः कहा " बद्रीजी तुम धन्य हो ! अब तो मुझे इस बात में जरा भी शक नहीं है क़ि तुम्हें कुँए पर जो मिले थे वह वास्तव में हम लोगों के कुलदेवता श्री महाबीर जी ही थे!सोंच के देखो उन्होंने तुम्हारे भूत और वर्तमान की जो गोपनीय बातें बतायीं वह कितनी सच थीं !सबसे बड़ी बात यह क़ि उन्होंने तुम्हे एक तरह से धक्का दे कर मेरे पास यह विशेष आदेश दे कर भेजा क़ि तुम मुझे वह कागज़ किसी तरह से भी जरूर पढ़वा दो !"
जरा गौर से देखो इस अख़बार में एक ऐसा "ऐड" है जो मुझे लगता है U.P Government ने सिर्फ तुम्हारे लिए ही निकाला है ! बद्रीजी, I think this Ad.is meant for you and you only as I know तुम्हे इंग्लिश और साइंस के विषयों में हमेशा ही बहुत अच्छे marks मिले हैं ! इस नये टेक्निकल कोर्स में जाने के लिए बस यही अनिवार्य है क़ि विद्यार्थी मेट्रिक तक पढ़ा हो और उसने अंग्रेज़ी और साइंस के विषयों में Distinction or good First क्लास marks पाए हों ! तुम्हारे पास तुम्हारी पिछली मार्क शीट्स तो होंगी ही !So pack up and go to Cawnpore tomorrow.कितनी कृपा है अपने कुल देवता की तुम पर !,वे स्वयं तुम्हारे समक्ष प्रगट हुए और सारा बन्दोबस्त किया ! अब तो यह जान लो क़ि तुम्हारा एडमिशन हो ही गया ! बद्रीजी , मुंह हाथ धो कर अपने मन्दिर में आजाओ ,ह्म दोनों मिल कर प्यारे प्रभु को उनकी इस विशेष कृपा के लिए धन्यवाद देंगे "
क्रमशः
निवेदक: व्ही. एन. श्रीवास्तव "भोला"
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