जय श्री हनुमान
चरण शरण में आय के, धरूं तिहारा ध्यान .
संकट से रक्षा करो, पवनपुत्र हनुमान ..
दुर्गम काज बनाय के, कीन्हें भक्त निहाल .
अब मोरी विनती सुनो, हे अंजनि के लाल ..
हाथ जोड़ विनती करूं, सुनो वीर हनुमान .
कष्टों से रक्षा करो, राम भक्ति देहुँ दान,
पवनपुत्र हनुमान ..
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यह "ओम" दादा को बहनों की ओर से सादर आदरांजलि भजन संकलन पुस्तिका का पहला भजन है.